बाबरी विध्वंस: आडवाणी-जोशी-उमा भारती बरी, विशेष अदालत के फैसले को चुनौती

बाबरी विध्वंस केस में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत 32 दोषियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई है।

Update:2021-01-13 08:47 IST
राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण आज के दिन 28 वर्षो बाद जहां एक तरफ विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

प्रयागराज. अयोध्या (Ayodhya) के विवादित बाबरी विध्वंस केस में आज इलाहबाद हाई कोर्ट में सुनवाई है। कोर्ट बाबरी विध्वंस केस में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने वाली है। ये याचिका में बीजेपी (BJP) के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद और सैयद अखलाक अहमद की ओर से 8 जनवरी को दाखिल की गयी थी।

बाबरी मस्जिद केस पर सुनवाई

दशकों पहले अयोध्या पर विवादित ढाँचे को कर सेवकों द्वारा गिराए जाने और इसमें भाजपा के दिग्गज नेताओं की भूमिका को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार समेत 32 दिग्गज नेताओं को आरोपी बनाया गया। हालंकि 30 सितंबर 2020 के सीबीआई अदालत ने सभी अभियुक्तों को बड़ी कर दिया।

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सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को चुनौती

जिसके बाद विशेष अदालत के इस फैसले को चुनौती देते हुए इस साल अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद और सैयद अखलाक अहमद की ओर से याचिका दाखिल की गयी। याचिका पर सुनवाई आज उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा की जाएगी।

बाबरी विध्वंस केस में भाजपा दिग्गजों उमा, जोशी, आडवाणी समेत 32 को बरी करने के खिलाफ सुनवाई

अयोध्या निवासियों की ओर से अधिवक्ता व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य जफरयाब जिलानी द्वारा दायर याचिका को मंगलवार को न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। जिलानी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी हैं। जिलानी ने कहा कि उन्हें अदालत का रुख इसलिए करना पड़ा क्योंकि पिछले साल आए इस मामले में फैसले के खिलाफ सीबीआई ने अब तक अपील दाखिल नहीं की है।

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याचिकर्ताओं ने अपनी याचिका मे दलील दी कि वह इस मामले में गवाह है और विवादित ढांचा विध्वंस की घटना के पीड़ित भी हैं। याचिका में सभी 32 अभियुक्तों को दोषी करार दिए जाने की मांग की गई है।

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