अयोध्या में 25 राज्यों का दिखेगा संगम, हो गयी तैयारी, ये है सरकार का रोडमैप

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने के पहले ही योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही राम की नगरी को पर्यटन के लिहाज से विकसित कर ना शुरू कर दिया था।

Update:2020-09-04 23:23 IST
मंदिर के प्रथम तल का निर्माण लगभग 2 वर्षों में पूरा होने का अनुमान है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिलर्स को आपस में जोड़कर बुनियाद की नींव को तैयार किया जाएगा।

अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने के पहले ही योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही राम की नगरी को पर्यटन के लिहाज से विकसित कर ना शुरू कर दिया था। अयोध्या में दीपोत्सव लगातार कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। अयोध्या प्राचीन समय में कौशल राज की राजधानी एवं महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी प्रभु राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को मोक्ष दायिनी एवं हिंदुओं की प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है। इसी कारण उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के वैश्विक स्तर पर एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास पिछले काफी दिनों से कर रही है।

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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास

अयोध्या की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक बड़ा एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में श्री राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, नागेश्वरनाथ, भरतकुंड, गुप्तार घाट, राजा दशरथ समाधि सहित अनेक स्थल मौजूद है, जिसके विकास का भी ताना-बाना बुना जा चुका है।

अयोध्या के विकास पर अब तक 400 करोड़ की लागत से हवाई अड्डे का निर्माण कराया जा रहा है। रामायण सर्किट टीम के अंतर्गत अयोध्या में 83. 72 करोड़ की लागत से राम तथा गैलरी दिगंबर अखाड़ा में मल्टीपरपज हाल बाईपास के निकट मल्टी लेवल कार पार्किंग पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर यात्री चादक सिटी वाइज इंटरेक्शन कार्य बस डिपो स्टैंड अयोध्या मुख्य मार्ग फुटपाथ के नवीनीकरण कार्य हनुमानगढ़ी कनक भवन पैदल यात्री मार्ग का नवीनीकरण 33.18 करोड़ की लागत से

24 कोर्ट न्यायालय भवन का निर्माण अयोध्या नगर क्षेत्र में 74 . 05 करोड़ की लागत से ब्रांच सिविल लाइन में 56.20 किमी निर्माण 24.81 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी का रीमॉडलिंग का कार्य गुप्तार घाट में35.64 करोड़ की लागत से घाट का विकास अयोध्या में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत रुपया37.67 करोड़ की लागत से इंटर स्पेशल एंड डायवर्जन वर्कर्स का कार्य दीपू सो कार्यक्रम के दौरान डाक टिकट जारी किया गया।

17.28 करोड़ की लागत से पेयजल

अयोध्या नगर क्षेत्र में 17.28 करोड़ की लागत से पेयजल संयोजन फेज सेकंड का निर्माण कार्य अमृत योजना के अंतर्गत अयोध्या में 16.25 करोड़ की लागत से पेयजल योजना का कार्य के साथ कई करोड़ की योजनाएं वर्तमान समय में निर्माणाधीन हैं। पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या में 251 फीट ऊंची भगवान श्री राम की मूर्ति की स्थापना हेतु 100 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

स्वदेश दर्शन योजना में 28.09 करूं उसे राम की पैड़ी के मुख्य चैनल की रिमांड लिंग पार्ट बी का निर्माण इसी तरह 21. 92 करोड़ की स्वीकृति की लागत से क्वीन हूं मेमोरियल पार्क का निर्माण कार्य19.02 करोड़ की लागत से भजन संध्या स्थल का निर्माण कार्य राम की पैड़ी में ही 12.64 पाथवे लैंडस्कैपिंग ट्रिमिक्स जाली रिपेयरिंग सोलर लाइट एवं फसाद लाइटिंग का कार्य स्वदेश दर्शन योजना के तहत 9. 73 करोड़ से लक्ष्मण किला घाट का विकास एवं निर्माण 2.42 करोड़ से दशरथ महल में यात्री निवास सत्संग भवन नया घाट पर पर्यटक सहायता केंद्र एवं प्रवेश द्वार का निर्माण

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2.75 करोड़ से राम कथा पार्क

2.75 करोड़ से राम कथा पार्क के विस्तारीकरण का कार्य कनक भवन परिसर में 0.91 करोड़ से यात्री सेठ दुकान एवं सुलभ प्रशासन का निर्माण हनुमानगढ़ी स्थल पर रुपया 1.43 करोड़ की लागत से प्रवेश निकास द्वार का निर्माण कार्य के साथ अनेक योजनाएं अयोध्या को पर्यटन के दृष्टिकोण पर खरा उतरने के लिए सरकार लगातार हमेशा काम कर रही है।

इसी श्रृंखला में 9 नवंबर 2019 श्री राम जन्म भूमि के पक्ष में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की योगी सरकार तेजी से हरकत में आ गई है, जिसका असर यह दिखाई पड़ा कोरोना जैसी महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं अयोध्या कर अस्थाई रूप से भगवान श्री राम का मंदिर स्थापित कर दिया है। वहीं 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या कर मंदिर निर्माण की आधारशिला रख दी। जिसके बाद मंदिर का नक्शा भी प्राधिकरण द्वारा पास हो गया है और आने वाले दिनों में जल्दी ही मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अधिकारियों के साथ बैठक कर, अयोध्या का विकास सोलर सिटी के तौर पर करने का निर्णय लिया है।

पर्यावरण और धार्मिक, ऐतिहासिक स्वरूप

अयोध्या के विकास के साथ-साथ इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि पर्यावरण और धार्मिक, ऐतिहासिक स्वरूप पर भी कोई असर न पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए ही अयोध्या को सोलर सिटी के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। एक दिन पहले अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक में सीएम योगी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके तहत सरकार की योजना है कि अयोध्या के अधिक से अधिक सरकारी प्रतिष्ठानों का संचालन सौर ऊर्जा के जरिए किया जाए। जिससे धर्म की नगरी अयोध्या में पर्यावरण की स्थिति बेहतर हो सके।

अयोध्या में देश के 25 राज्यों के गेस्ट हाउस बनाए जाएंगे, ताकि रामलला के दर्शन को आने वाले उन राज्यों के विशेष अतिथि ठहर सकें। साथ ही, अयोध्या मे 50 से अधिक भूखंड धार्मिक संप्रदाय, मठ, आश्रम के लिए भी आवंटित किए जाएंगे।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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