Ayodhya Masjid: धन्नीपुर गांव मस्जिद के लिए IICF ने शुरू किया चंदा इकट्ठा करने का काम

Ayodhya Masjid: मस्जिद के निर्माण के लिए इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) जमीन पर अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई और अनुसंधान संस्थान के साथ एक मस्जिद का निर्माण करेगा।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Update: 2022-08-21 09:07 GMT

धन्नीपुर गांव मस्जिद (photo: social media ) 

Ayodhya Masjid: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मुसलमानों को दी गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए फंड जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष को यह जमीन दी गई थी।

मस्जिद के निर्माण के लिए इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) जमीन पर अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई और अनुसंधान संस्थान के साथ एक मस्जिद का निर्माण करेगा। फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक उनके अध्यक्ष जुफर फारूकी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने 12 अगस्त को फर्रुखाबाद का दौरा किया था और पहली बार अयोध्या में मस्जिद और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण के लिए चंदा देने की अपील की है। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने मस्जिद निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये जुटाने का वादा किया और वहां से उन्हें करीब ढाई लाख रुपये चंदा प्राप्त भी हुआ।

उन्होंने कहा कि इससे पहले फाउंडेशन ने मस्जिद के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये एकत्र किए थे। उम्मीद है कि एक महीने के भीतर अयोध्या विकास प्राधिकरण से मस्जिद और अन्य भवनों का नक्शा मिल जाएगा। नक्शा मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हुसैन ने कहा कि शुरुआत में अस्पताल बनाया जाएगा और ओपीडी शुरू की जाएगी। संभव हो सके तो धन्नीपुर में बहुप्रतीक्षित मस्जिद का फर्श तैयार करने के साथ ही वहां 'नमाज' करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.

फंड जुटाने का कार्यक्रम 

हुसैन ने कहा 12 अगस्त को शहर के कई बड़े व्यवसायियों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और अन्य लोगों ने फर्रुखाबाद में प्रस्तावित मस्जिद के लिए एक फंड जुटाने का कार्यक्रम आयोजित किया था। इसी तरह, मुंबई और गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों से लोग फाउंडेशन टीम को बुला रहे हैं। अब हम अपना रूट मैप बना रहे हैं ताकि इन सभी जगहों का दौरा किया जा सके और फंड जुटाया जा सके।

IICF सचिव ने यह भी कहा कि फाउंडेशन के बारे में मुसलमानों की राय काफी हद तक बदल गई है और लोग अब इस पर भरोसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, केवल मुसलमान ही नहीं, अन्य समुदायों के लोग भी फाउंडेशन पर भरोसा कर रहे हैं। शुरुआत में गैर-मुसलमानों ने फाउंडेशन को बहुत दान दिया था, लेकिन अब मुसलमानों ने भी बड़े पैमाने पर भाग लेने में रुचि दिखाना शुरू कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपने ऐतिहासिक फैसले में निर्देश दिया था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की अनुमति देते हुए मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में एक प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाए।

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