अयोध्या मस्जिद निर्माण: तेजी से शुरू हुई नापजोंख, केवल 1400 वर्ग मीटर में बनेगी मस्जिद

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरूआत हो गई है तो अब यहां के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया में भी तेजी आ रही है।

Update:2020-08-23 13:19 IST
राम मंदिर का नक्शा: तेजी से शुरू हुई नापजोंख, केवल 1400 वर्ग मीटर में बनेगी मस्जिद

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरूआत हो गई है तो अब यहां के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया में भी तेजी आ रही है। शनिवार को मस्जिद स्थल का नक्शा बनाने के लिए ड्राफ्टमैनों की एक टीम ने यहां पहुंच कर नापजोंख की। सरकार द्वारा मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर एक बड़ा अस्पताल, शोध केंद्र, पुस्तकालय और सामुदायिक रसोई भी प्रस्तावित की गई है। जबकि मस्जिद केवल 1400 वर्ग मीटर के उतने ही स्थान में बनाये जाने का प्रस्ताव है जितने स्थान में बाबरी मस्जिद स्थापित थी।

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दिल्ली के तीन नामी आर्किटेक्ट के पैनल के पास भेजा जाएगा टोपोग्राफी नक्शा

मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन के मुताबिक मस्जिद स्थल का टोपोग्राफी नक्शा तैयार किया जायेगा और इसे दिल्ली के तीन नामी आर्किटेक्ट के पैनल के पास भेजा जाएगा। यह पैनल इस पूरे प्रोजेक्ट की आर्किटेक्ट डिजाइन और अनुमानित लागत का हिसाब तैयार करेगा। इन तीन में से एक आर्किटेक्ट को मस्जिद के प्रोजेक्ट के लिए ट्रस्ट काम सौंपेगा। अतहर ने बताया कि अभी ट्रस्ट के बैंक खाता शुरू नहीं हो पाया है लिहाजा ट्रस्ट के खाते में पैसा नहीं है। लेकिन आपसी सहयोग से मस्जिद की आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि मस्जिद ट्रस्ट में अभी 09 सदस्य हैं। 06 सदस्यों को और शामिल करना है, जिसमे अयोध्या जिले का भी प्रतिनिधित्व रहेगा।

सबसे ज्यादा फोकस अस्पताल पर ही किया जा रहा है

अतहर के मुताबिक यहां के लोगों की मांग और जरूरत अस्पताल की है इसलिए यहां का सबसे ज्यादा फोकस अस्पताल पर ही किया जा रहा है। इसके अलावा यहां की योजना में सामुदायिक रसोई भी है। इंडो इस्लामिक कल्चर की गंगा जमुनी साझेदारी के विषयों को आगे बढ़ाने के लिए रहीम, रसखान, कबीर जैसे सामाजिक सदभाव वाले महापुरूषों पर शोध के लिए यूजीसी मानको पर एक सांस्कृतिक शोध केंद्र भी प्रस्तावित है, जिसमे शोध विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था भी रहेगी और शोध के लिए एक पुस्तकालय की भी व्यवस्था की जायेगी और सेंटर बनेगा।

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इसमें आधा दर्जन शोध स्कॉलर्स के लिए रहने और रिसर्च के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था रहेगी। यह सेंटर यूजीसी के मानक पर बनेगा। उन्होंने बताया कि अभी मस्जिद का नाम तय नहीं है। इसे तय करने के लिए जल्द ही बोर्ड की बैठक होगी। उन्होंने अनुमान जताया कि इसका नाम धन्नीपुर मस्जिद हो सकता है।

मस्जिद निर्माण ट्रस्ट ने जारी किया अपना प्रतीक चिन्ह

मनीष श्रीवास्तव

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