अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू, लोगों में खुशी की लहर
राममंदिर के निर्माण का इंतजार अब खत्म हो गया है। कल यानी गुरुवार से नींव की खोदाई शुरू कर दी गई। इसका आधिकारिक ऐलान भी हो गया है। इससे पहले की नींव खोदना शुरू हो, भूमि पूजन किया गया।
अयोध्या: राममंदिर के निर्माण का इंतजार अब खत्म हो गया है। कल यानी गुरुवार से नींव की खोदाई शुरू कर दी गई। इसका आधिकारिक ऐलान भी हो गया है। इससे पहले की नींव खोदना शुरू हो, भूमि पूजन किया गया। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बड़े स्तर पर भूमि पूजन करवाया था। बता दें कि इसकी अगुवाई राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन, सेवानिवृत्त आईएएस नृपेंद्र मिश्र कर रहे हैं। वह सवेरे नौ बजे सर्किट हाउस से स्थल पर पहुंचे थे। फिर रामलला के दर्शन कर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि, न्यासी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और डॉ. अनिल मिश्र के साथ गर्भगृह स्थल पर पहुंचे। वहां वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र ने पूजन कराया।
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50 फीट बाद मिलेगी मिट्टी
इसरो की फोटोग्राफी में 50 फीट नीचे तक दबे पड़े मलबे को सबसे पहले हटाया जाएगा। तब जाकर कहीं प्राकृतिक मिट्टी मिल सकती है। चंपत राय ने कारसेवकपुरम में बताया कि पहले परिसर के नीचे दबे मलबे को हटाया जाएगा, उसके बाद नींव रखने का काम शुरू हो सकेगा। फिलहाल, 15 फरवरी तक नींव का काम सबके सामने दिखने की उम्मीद है। मलबा हटाए जाने के बाद ही वहां प्राकृतिक मिट्टी दिखाई देगी और वहीं से नींव रखने का औपचारिक काम शुरू हो जाएगा।
सैकड़ों साल तक रहेगा मंदिर
उन्होंने बताया कि मंदिर सैकड़ों साल तक सुरक्षित रहे और इसमें कोई कमी न आए, इसके लिए भी समाधान खोजे गए हैं। नीचे मिलने वाली रेत की क्या स्थिति है, नदी का किनारा कितनी दूर है और भूकंप के खतरे से इसे कैसे दूर रखा जा सकता है, इन सब कामों पर पूरी सावधानी से काम किया जा रहा है। साथ ही कंक्रीट की मजबूती पर भी काम किया जा रहा है।
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राममंदिर पर वैज्ञानिक शोध करेंगे, लेकिन नींव का पेच फंस गया
इन समस्याओं से निपटने के लिए देश के बड़े वैज्ञानिकों ने जो समाधान खोजा है, उसे आने वाले दिनों में लोग शोध का विषय मानेंगे। इस पर वैज्ञानिक भी शोध किया करेंगे। शायद यह देश में ऐसा कोई निर्माण होगा, जिसमें देश की 8-10 नामी तकनीकी एजेंसियां लगी हुई हैं। फिलहाल, नींव की डिजाइन को लेकर पेच अटक गया है। एलएंडटी ने इसके लिए समय मांगा है, जिसे नृपेंद्र मिश्र ने फिर से दे दिया है और कहा है कि जो भी बने वह दीर्घकालिक और विश्वसनीय हो।