ED on Azam Khan: आजम ख़ान पर आयकर के बाद ED का शिकंजा, जौहर विवि की होगी जांच
ED on Azam Khan: जानकारी के अनुसार आयकर विभाग को जाँच के दौरान कई IT अहम सबूत मिले थे। मालूम हो कि अलग-अलग जगहों पर कई दिनों तक छापेमारी चली थी।
ED on Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव आजम खान की मुश्किलें कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। हाल के दिनों में आजम खान के घर सहित कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी जिसमें खुलासा हुआ था कि आजम खान ने कैबिनेट मंत्री रहते हुए नियमों को ताक पर ऱखकर जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में 6 सरकारी विभागों के बजट को खर्च कर दिया। सूत्रों के मुताबिक छह सरकारी विभागों ने यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए करीब 106 करोड़ रूपए जारी किए थे। वहीं अब जानकारी मिल रही है कि जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में खर्च हुए सरकारी धन की जांच ईडी करेगी।
सपा नेता आज़म ख़ान के जौहर विश्वविद्यालय की जाँच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगी। बीते दिनों आयकर विभाग की जाँच में मनी लांड्रिंग की पुष्टि के बाद ईडी को जाँच सौंपी गई। जानकारी के अनुसार आयकर विभाग को जाँच के दौरान कई अहम सबूत मिले थे। मालूम हो कि अलग-अलग जगहों पर कई दिनों तक छापेमारी चली थी।
बता दें कि आयकर विभाग की ओर से 13 सितंबर को जौहर यूनिवर्सिटी केस में आजम खान और जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों के यहां छापा मारा गया था। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता देख अब इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) को सौंपी गई है। सरकारी खजाने से राशि कैसे एक निजी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर की गई? ईडी इसकी जांच करेगी। वहीं, इस मामले में रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने आजम पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह केवल मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं है। यह भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है। इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। उन अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए, जिन्होंने सरकारी खजाने में सेंधमारी होने दी।
इन विभागों ने जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर पैसे ट्रांसफर किए
आजम खान के घर, जौहर यूनिवर्सिटी और अन्य ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को मिले कागजातों के अनुसार, सीएंडडीएस ने जौहर यूनिवर्सिटी को 35 करोड़ 90 लाख रुपये जारी किए थे। वहीं, पीडब्ल्यूडी ने 17 करोड़ 16 लाख रुपये जारी किए। जल निगम की ओर से जौहर यूनिवर्सिटी को 53 करोड़ 56 लाख रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण और संस्कृति विभाग ने भी निर्माण के लिए पैसे जारी किए थे।