आजम ने कहा- अभिव्यक्ति की आजादी में हुई है हमारे साथ नाइंसाफी

Update:2016-03-03 18:39 IST

रामपुर: यूपी के काबीना मंत्री आजम खान जेएनयू प्रकरण के आरोपी कन्हैया को निर्दोष मानते हैं। उन्होंने कहा है कि कन्हैया के खिलाफ पुलिस अभी तक कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है। उन्होंने आगे कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं कि कुछ भी कहा जा सके लेकिन इसी अभिव्यक्ति की आजादी में हमारे साथ बहुत नाइंसाफी हुई थी। उस समय लोगों को वो सबकुछ कहने दिया गया था जिसे आज जलालत माना जा रहा है।

कन्हैया की जमानत पर आजम का बयान

कन्हैया की जमानत से जुड़े सवाल के जवाब में आजम खान ने कहा कि कोर्ट के किसी भी तरह के फैसले पर कमेंट करना मुनासिब नहीं है लेकिन यह सबको मालूम है कि टीवी से मिली जानकारी पर ही सरकार ने कन्हैया की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। पुलिस अभी तक कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का सबूत नहीं दे पाई है।

‘जेएनयू में हुई नारेबाजी भाजपा की साजिश’

आजम खान से पूछा गया कि नारेबाजी किसने की यह भले ही न पता हो लेकिन नारेबाजी तो हुई है। जिन लोगों ने यह नारेबाजी की वह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।इस सवाल के जवाब में आजम ने जेएनयू मामले का ठीकरा भाजपा के सर पर फोड़ दिया। आजम खान ने कहा, कहा जाता है कि भाजपा ने ही अपने लोग नकाबपोश बनाकर भेजे थे क्योंकि भाजपा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और जामिया को तो तकरीबन ठिकाने लगा चुकी हैं, जेएनयू रह गई थी।उसका इंतेजाम भी कर लिया है। अब यहां भी आरएसएस का एजेन्डा लागू हो जायेगा।

‘भूल चुके हैं अमर सिंह का नाम’

अमर सिंह के सवाल पर आजम खां ने कहा कि हम तो ऐसे सारे नाम भूल चुके हैं, काम से काम रखते हैं, याद भी नहीं करना चाहते हैं, न ही सुनना चाहते हैं।

स्मृति इरानी बहुत ही पढ़ी-लिखी

अलीगढ़ के वाइस चांसलर के साथ फंड के मामले स्मृति ईरानी द्वारा सख्त लहजे में बात करने के सवाल पर आजम ने मजाकिया लहजे में कहा कि स्मृति इरानी बहुत पढ़ी लिखी हैं, बुद्धिमान हैं और देश-दुनिया उन्हें जानती है। अगर उन्होंने डांटा है तो इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को अपनी हैसियत समझनी चाहिए। उन्हें बात करते वक्त भी सोचना चाहिए था कि वो किस से बात कर रहे हैं।

हिंदुस्तान का इंसान खुश तो किसान खुश

किसानों को ध्यान में रखकर बनाये गये बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए आजम खान ने कहा कि किसानों को बजट की सूचना हो गई है जब यूपी में चुनाव होगा तो इस बजट की खूबियों की बुनियाद पर भाजपा को वोट दे सकते हैं किसान और अगर अभी पार्लियामेंट का चुनाव हो जाये तो मेरे ख्याल से खुद प्रधानमंत्री को और पूरी पार्टी को पूरे देश के तापमान का पता चल जायेगा। किसान तो खुश तब होगा जब हिंदुस्तान का इंसान खुश होगा।

 

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