Sant Kabir Nagar Video: बीए, एमए, बीएड, TET, CTET और CCC पास, नहीं मिली नौकरी, बन गया ई रिक्शा चालक

Sant Kabir Nagar Video: उसका कहना है कि वह एक टीचर बनकर नाम कमाना चाहता था, लेकिन काफी प्रयास के बाद ज़ब नौकरी नही मिली तो ई रिक्शा चलाने का फैसला कर लिया।

Update:2022-08-20 20:37 IST

Sant Kabir Nagar E rikshaw driver

Sant Kabir Nagar: उसका सपना था टीचर बनने का, उसने बीए.एमए. बीएड. टेट. के साथ हो  सिटेट,भी क्वालीफाई किया, लेकिन जब नौकरी नहीं मिली, तो घर का खर्चा चलाने के लिए, और पिता की बीमारी के साथ ही बहन की शादी के बोझ ने उसे बना दिया ई रिक्शा चालक।

जी हां सुनकर अजीब सा लग रहा होगा, अभी तक आपने ग्रेजुएट और बीटेक चाय वाले का नाम तो खूब सुना होगा। लेकिन यूपी के संतकबीरनगर ज़िले के आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बीए, एमए, बीएड, TET. CTET और CCC की परीक्षा पास करने के बावजूद, ई रिक्शा चलाने के लिए मजबूर हो गया।

बेरोजगारी का दंश नहीं झेल पाया

आपको बता दें कि 27 वर्षीय विनोद कुमार गुप्ता जो संतकबीरनगर जिले के भवानीगाड़ा शिवापार, तहसील खलीलाबाद का निवासी है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी हो रही होगी, कि इतनी पढ़ाई करने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली, और जब बेरोजगारी का दंश नहीं झेल पाया, तो उसने परिवार का खर्चा चलाने के लिए किराए पर ई रिक्शा लेकर रोजाना दिहाड़ी पर रिक्शा चलाना शुरु कर दिया।

एक टीचर बनकर नाम कमाना चाहता था

उसका कहना है कि वह एक टीचर बनकर नाम कमाना चाहता था, लेकिन काफी प्रयास के बाद ज़ब नौकरी नही मिली तो ई रिक्शा चलाने का फैसला कर लिया। विनोद कुमार ने बताया कि परिवार की स्थिति बहुत अच्छी नही है, पिता जी की तबियत लगभग 6 वर्षों से ठीक नही रहता है, उनके दवाई का खर्च, और छोटा भाई मनोज कुमार का एक हाथ फैक्चर है, जो किसी तरह से मजदूरी करता है, एक बहन की शादी  का बोझ भी  सर पर आ गया है, परिवार को मुझसे  ये उम्मीद थी, कि इतना पढ़ाया-लिखाया  है तो सरकारी नौकरी करके घर की स्थिति सही  कर लेगा, लेकिन परीक्षा देने के बाद कभी पेपर लिक तो कभी वैकेंसी आने में देरी, तो कभी  पेपर निरस्त हो जाने से बीए, एमए, बीएड, TET. CTET और CCC क्वालिफाई करने के बाद भी आज निराश और मजबूर  होकर किराये पर ई रिक्शा चलाना पड़  रहा है।

पढ़ाई करने के साथ-साथ छोटे बच्चों को कोचिंग और प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे, लेकिन का खर्चा चलाने के लिए उसे भी छोड़ना पड़ा था, क्योंकि डेढ़ महीने  बाद पैसा मिलता था।

टेट और सिटेट क्वालिफाई किया

विनोद कुमार ने बताया कि वह बीए फ़ैजाबाद यूनिवर्सिटी, एमए हीरालाल रामनिवास स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय से, बीएड प्रेमलता महाविद्यालय मेंहदावल से पास किया, इसके बाद टेट और सिटेट क्वालिफाई किया। नौकरी के लिए काफी प्रयास किया, जबकि शिक्षा  विभाग में रिक्त स्थान होने के बाद भी वैकेंशी नही निकल रही जिससे, सारी डिग्री धरी की धरी रह जा रही है।

उन्होंने बताया कि पिछले 2 महीनों से ई-रिक्शा चलाकर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहा है। क्योंकि बड़ी मेहनत से अपनी पढ़ाई पूरी की और TET.CTET के एग्जाम में पास भी हुए। उन्हें लगा कि अब वह शिक्षक बन जाएगा, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया। इसके बाद उसने खुद सारे उम्मीदें छोड़कर ई-रिक्शा ही चलाना पसंद किया जिससे रोज का मजदूरी मिल जा रहा है। विनोद ने बताया कि अपने ई रिक्शे पर डिग्री इसलिए लिखवाया, क्योंकि ई रिक्शा पर बैठने वाले सवारी हमेशा ई रिक्शा चालक को अनपढ़-गवार समझ कर भाषा का प्रयोग करते हैं।

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