बाबा रामदेव का फूडपार्क- कैबिनेट में बदलाव कर करेंगे बाबा को राजी, अगली कैबिनेट में

Update:2018-06-06 22:26 IST
बाबा रामदेव का फूडपार्क- कैबिनेट में बदलाव कर करेंगे बाबा को राजी, अगली कैबिनेट में

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं होंगे बदलावजाएगा बाबा रामदेव का फूडपार्क। इसके लिए योगी सरकार ने अपनी सारी कोशिशें तेज कर दी है। इस मामले में कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाल ली है। बाबा रामदेव और उनके सबसे करीबी बालकृष्ण से बात करने के बाद अब उनकी जमीन को लेकर नियमों में फेरबदल की भी तैयारी शुरु कर दी है। सूत्रों की माने तो आने वाली कैबिनेट में ही इन बदलावों को अमली जामा पहना दिया जाएगा।

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क्या था विवाद

ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के मेगा फूड पार्क के लिए आवंटित जमीन का आवंटन यूपी सरकार की ओर से रद्द किए जाने की खबर से बवाल मच गया था। अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा में मेगा फूड पार्क के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी।बाद में राज्य के दूसरे जिलों में भी बाबा रामदेव ने जमीन के लिए आवेदन दिया था। इस पर लालफीता शाही की धीमी रफ्तार ने ऐसी कुंडली मारी कि बाबा की मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद भी रफ्तार को लकवा ही मारा रहा। इस जमीन को लेकर सुस्ती ही वजह थी कि योगी सरकार की महत्वाकांक्षी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान बाबा रामदेव या उनकी कंपनी पतंजलि ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था। बीती रात बाबा रामदेव की तरफ से बाबा के करीबी बालकृष्ण ने ट्वीट किया था। सूत्रों के मुताबिक खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालकृष्ण और बाबा रामदेव दोनों से बात की और अब दावा किया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।

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देरी पर केंद्र की नाराजगी

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार को समय पर सभी मानदंडों को पूरा नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है। मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए तीनों मेगा फूड पार्कों के प्रस्तावों को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक महीने का और समय दिया गया है, ताकि भूमि संबंधी विवादों को निपटाया जा सके। लेकिन प्रस्ताव में एक महीने की डेडलाइन के पालन की बाध्यता है।साथ ही। सूत्रों का कहना है कि मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा जमीन की उपलब्धता को लेकर संशय बना हुआ है। भूमि समेत कई और मानक पूरा न होने से मिर्जापुर, मथुरा और ग्रेटर नोएडा के लिए मंजूर तीनों पार्कों का प्रस्ताव खारिज होने के कगार पर आ गया है।

कैबिनेट में हो सकता है बदलाव

शासन के सूत्रों की मानें तो दरअसल बाबा लीज पर मिलने वाले जमीन का एक हिस्सा सब लीज पर चाहते हैं। साथ ही वह इस मामले पर तेजी से काम चाहते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिलाया है कि आने वाली कैबिनेट में ही नियमों को अऩुकूल काम में तेजी लाई जाएगी। सूत्रों की मानें तो बाबा और योगी की बातचीत सकारात्मक रही और दोनों ही यूपी में निवेश को लेकर संजीदा दिखें है। मुख्यमंत्री ने निवेशक के तौर पर उन्हें किसी तरह की निराशा न होने का भरोसा दिलाया है।

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बाहर गया प्रोजेक्ट तो होगी बदनामी

इस प्रोजेक्ट को महज निवेश नहीं माना जा सकता है। इस प्रोजेक्ट से अब यूपी सरकार के साख जुड़ गयी है। एक तरफ तो भारी भरकम निवेश की समिट कराई अब अगर यह मेगा फूड पार्क प्रोजेक्ट यूपी से बाहर जाता है तो सरकार की साख पर बट्टा लगेगा। साथ ही इस समय सरकार पर हर तरह से हमला करने को तैयार बैठे अखिलेश समेत पूरे विपक्ष को यह कहने का मुद्दा मिल जाएगा कि पिछली सरकार के निवेश प्रस्ताव को भी यह सरकार नहीं संभाल सकी। वहीं साल 2019 भी नजदीक हैं ऐसे में सिसायत में इस तरह की कोई गलती की गुंजाइश नहीं होती है।

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