बाबरी विध्वंस: CBI कोर्ट आज नहीं तय कर पाई आरोप, कहा- अगली सुनवाई पर कोई रियायत नहीं

Update:2017-05-26 17:51 IST
बाबरी विध्वंस: CBI ने आडवाणी-जोशी-उमा के वकीलों को मुहैया कराई गवाहों के बयान, जिरह में लग सकते हैं वर्षों

लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य के खिलाफ 1992 में अयोध्या स्थित विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में अपराधिक षड्यंत्र के कथित अपराध में शुक्रवार (26 मई) को आरोप तय नहीं कर पाई।

विशेष जज एसके यादव ने सभी अभियुक्तों को आदेश दिया है कि वे 30 मई को कोर्ट के सामने व्यक्तिगत रूप से हाजिर हों, ताकि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में आरोप तय किए जा सकें। कोर्ट ने कहा, कि अगली तारीख पर अभियुक्तों की ओर से पेश कोई स्थगन या हाजिरी, माफी प्रार्थनापत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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आज की तारीख की थी निश्चित

विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में दर्ज एक केस में अभियुक्तों डॉ रामविलास वेदान्ती, बैकुंठ लाल शर्मा, चम्पत राय बंसल, महंत नृत्य गोपाल दास, धर्मदास और सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पहले से ही 30 मई की तारीख निश्चित है। जबकि कोर्ट ने आडवाणी आदि के खिलाफ आरोप तय करने के लिए शुक्रवार की तारीख निश्चित की थी।

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वकील ने दी अर्जी, नहीं हाजिर हुए अभियुक्त

शुक्रवार को आडवाणी सहित अन्य की ओर से उनके वकील विमल श्रीवास्तव और मनीष त्रिपाठी ने अर्जी दी, कि अभियुक्तगण व्यक्तिगण कारणों से कोर्ट नहीं आ सके हैं। वे अति आवश्यक कार्य से बाहर जा रहे हैं।

इस अर्जी का सीबीआई के वकील ललित सिंह और आरके यादव ने विरोध किया। कहा, कि अभियुक्तगण के खिलाफ आरोप तय किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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अगली सुनवाई पर कोई रियायत नहीं

मामले पर सुनवायी के दौरान कोर्ट ने पाया कि अभियुक्तों के हाजिर नहीं होने के कारण आरोप तय हो पाना शुक्रवार को संभव नहीं है। लेकिन कोर्ट ने अभियुक्तों को चेताया कि अगली पेशी पर किसी प्रकार का स्थगन या हाजिरी माफी स्वीकार नहीं की जाएगी।

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