Pervez Musharraf की जमीन हो गयी नीलाम, जानें कौन हैं संपत्ति का नया मालिक

Baghpat News: परवेज मुशर्रफ के परिवार की जमीन लगभग एक करोड़ 38 लाख रुपए में नीलाम की गयी है। जल्द ही जमीन को नए मालिका को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

Update: 2024-09-06 05:44 GMT

जनरल परवेज मुशर्रफ की जमीन हो गयी नीलाम (न्यूजट्रैक)

Baghpat News: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ के परिवार की 13 बीघे जमीन नीलाम हो गयी है। भारत सरकार ने 13 बीघे जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। परवेज मुशर्रफ के परिवार की जमीन लगभग एक करोड़ 38 लाख रुपए में नीलाम की गयी है। जल्द ही जमीन को नए मालिका को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

भारत सरकार ने इस 13 बीघे जमीन का आधार मूल्य 39 लाख छह हजार रुपए निर्धारित किया था। पर जमीन एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपए से ज्यादा में नीलाम हुई है। नीलामी का पैसा केंद्रीय गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक विभाग के खाते में जमा कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पूर्वजों की जमीन का उत्तर प्रदेश में यह आखिरी टुकड़ा था। 

बंटवारे से पहले बागपत में रहता था परिवार

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का परिवार बंटवारे से पहले यूपी के बागपत के कोताना गांव में रहता था। बंटवारे के बाद हजारों लोग पाकिस्तान चले गए थे। ऐसे लोगों की जो संपत्तियां यहां रह गयी थी। भारत सरकार ने इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है।

इसी तरह परवेज मुशर्रफ के परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बाद परिवार की 13 बीघे जमीन यहां थी। जोकि गृह मंत्रालय के अधीन है। गुरुवार को गृह मंत्रालय की देखरेख में परवेज मुशर्रफ के परिवार की जमीन की नीलामी कराई गई। पुश्तैनी हवेली और कुछ जमीन को लगभग एक करोड़ 38 लाख छह हजार रुपए में नीलाम कर दिया गया है। तीन लोगों ने मिलकर इस संपत्ति को खरीदा है।

पाकिस्तान जाने के बाद संपत्ति की देखरेख को कोई नहीं

कोताना गांव के लोगों के मुताबिक परवेज मुशर्रफ के पिता के दिल्ली जाने के बाद भी वह अक्सर गांव आते रहते थे। परवेश मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था। लेकिन वह कभी भी अपने पैतृक गांव बागपत के कोताना गांव नहीं आए। उनके पूरे परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बाद गांव की संपत्ति की देखरेख के लिए कोई भी नहीं था। परवेज मुशर्रफ के परिवार के नूरू मियां ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था। वहीं यहां पर रहे गये थे। अब संपत्तियों की नीलामी हो जाने के बाद नूरू मियां का भी नाम बागपत से खत्म हो गया है।

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