तेंदुए के जबड़े से बेटे को छीन लाए मां-बाप, 15 मिनट हुआ संघर्ष

कुरकुरी कुंआ चहलवा गांव निवासी एक बालक शुक्रवार शाम को घर के पीछे झाड़ियों में नित्यक्रिया के लिए गया था। इसी दौरान छिपे बैठे तेंदुए ने हमला कर उसे दबोच लिया। बेटे की चीख पुकार सुनकर दौड़े मां-बाप तेंदुए से भिड़ गए। लगभग १५ मिनट के संघर्ष के बाद बेेटे को जबड़े से छुड़ा लिया। इस दौरान एकत्रित ग्रामीणों ने भी शोर मचाया।

Update: 2018-11-30 17:20 GMT

बहराइच: कुरकुरी कुंआ चहलवा गांव निवासी एक बालक शुक्रवार शाम को घर के पीछे झाड़ियों में नित्यक्रिया के लिए गया था। इसी दौरान छिपे बैठे तेंदुए ने हमला कर उसे दबोच लिया। बेटे की चीख पुकार सुनकर दौड़े मां-बाप तेंदुए से भिड़ गए। लगभग १५ मिनट के संघर्ष के बाद बेेटे को जबड़े से छुड़ा लिया। इस दौरान एकत्रित ग्रामीणों ने भी शोर मचाया। जिससे तेंदुआ जंगल की ओर चला गया। बालक की हालत गंभीर बतायी जा रही है। उसे सीएचसी मिहींपुरवा ले जाया गया है।

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कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत कुरकुरी कुंआ चहलवा गांव निवासी मुन्ना का आठ वर्षीय पुत्र नीरज शुक्रवार शाम पांच बजे के आसपास घर के पीछे स्थित झाड़ियों में नित्यक्रिया के लिए गया। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे बैठे तेंदुए ने हमला कर नीरज को दबोच लिया। नीरज की चीख सुनकर पिता मुन्ना व मां रीना देवी दौड़े। दोनों बेटे की जिंदगी के लिए शोर मचाते हुए तेंदुए से भिड़ गए। उधर ग्रामीण भी शोर सुनकर दौड़े।

लगभग 15 मिनट तक मां-बाप और तेंदुए के बीच संघर्ष चला। किसी तरह माता-पिता ने नीरज को तेंदुए केजबड़े से छुड़ा लिया। उसके सिर और चेहरे पर गहरे जख्म हुए हैं। ग्रामीणों के हाका लगाने से हमलावर तेंदुआ जंगल की ओर चला गया। सूचना पाकर वन दरोगा मयंक पांडेय, वन रक्षक कौशल किशोर टीम के साथ पहुंचे। लहूलुहान नीरज को स्थानीय चिकित्सक के यहां ले जाया गया। वहाँ पर उसके चेहरे पर सात टांके लगे हैं। प्राथमिक उपचार के बाद वनकर्मी बालक को इलाज के लिए सीएचसी मिहींपुरवा ले गए हैं।

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