चीन को मुंहतोड़ जवाब: भारतीय सैनिकों की शहादत पर बोले रचनाकार, कही ये बात
चीन द्वारा गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर कायराना हमला करने व बीस भारतीय सैनिकों के शहीद होने की घटना से आक्रोशित बलिया के संगीत कलाकारों ने आज अनूठे तरीके से शहीद सैनिकों को अपनी तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।
बलिया: चीन द्वारा गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर कायराना हमला करने व बीस भारतीय सैनिकों के शहीद होने की घटना से आक्रोशित बलिया के संगीत कलाकारों ने आज अनूठे तरीके से शहीद सैनिकों को अपनी तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित किया । उधर चीन के घात पर बलिया के एक रचनाकार ने भी कविता के जरिये प्रतिघात करते हुए चीन को करारा जवाब दिया है ।
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चीन के खिलाफ बलिया की बागी धरती पर विरोध जारी है
चीन के खिलाफ बलिया की बागी धरती पर विरोध जारी है। जिले में चीन के हमले के विरोध में जुलूस निकालकर प्रदर्शन करने व चीन के राष्ट्रपति का पुतला फूंकने की होड़ सी लगी हुई है। आम लोगों के साथ ही विभिन्न संगठनों व राजनैतिक दलों की तरफ से चीन निर्मित उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है। चीन के विरोध के मध्य जिला मुख्यालय पर आज मिड्ढी इलाके में संगीत के क्षेत्र में काम कर रही एक संस्था म्यूजिक प्लेनेट संस्था ने अनोखे अंदाज में शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति गीतों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी ।
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कार्यक्रम की शुरुआत कलाकार आयुषी ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी', गीत के भावपूर्ण प्रस्तुति से की। इस गीत में आयुषी का बखूबी साथ दिया मयंक व अभिषेक ने। छात्रा आयुषी उपाध्याय ने पत्रकारों से कहा कि आज विश्व संगीत दिवस है । हम सब संगीत कलाकारों के लिए आज खास दिन है। लेकिन चीन ने गलवान घाटी में जिस तरह से कायरतापूर्ण तरीके से हमला कर हमारे 20 सैनिकों को शहीद किया है, ऐसे में समूचे देश के साथ खड़ा होना व शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देना हमारा कर्तव्य है।
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उधर चीन के घात पर बलिया के एक रचनाकार मनोज चतुर्वेदी ने कविता के जरिये प्रतिघात करते हुए चीन को करारा जवाब दिया है । उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में चीन ने घात लगाकर भारतीय सैनिकों पर जिस तरह हमला किया है , यह चीन का विश्ववासघात है। लेखन व पत्रकारिता करने वाले चतुर्वेदी ने कहा कि भारत का हर नागरिक अपने 20 जवानों की शहादत के प्रतिशोध में जल रहा है। अब वक्त आ गया है कि चीन को मुंहतोड़ जबाब दिया जाय। एक टीवी चैनल के पत्रकार एवं लेखक चतुर्वेदी ने अपनी रचना के ज़रिए भारतीय सेना के पराक्रम और चीनियों की चाल पर प्रहार किया है।
उन्होंने कहा कि उनके इस रचना का उद्देश्य चीन के खिलाफ देश के गुस्से से घुसपैठिये चीन को अवगत कराना है। उन्होंने रचना की शुरुआत ' रात के अंधेरे में चीनियों ने घात कर डाला है , कटीले तारों से देश के बीस सपूतों को शहीद कर डाला है, चालाक चीन तुने बहुत बड़ा पाप कर डाला' से की है। उन्होंने आगे लिखा है ' गलवान घाटी में रात अभी बाकी है , चीन तेरे पापों का हिसाब अभी बाकी है'। चीन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए मनोज लिखते हैं' बन्द कर 62 का किस्सा पुराना, नये भारत का तेवर देखना अभी बाकी है '। वह आगे लिखते हैं ' तु जहाँ डटा है, जहाँ से नही हटा है, वहीं खुदेगी तेरी कब्र, ये तुझे भी और मुझे भी पता है' । उन्होंने अपनी रचना का अंत ' देख लद्दाख की चोटियों पर कौन आया है, भाग चीनियों भाग कि भारत आया है, से की है ।
अनूप कुमार हेमकर
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