मणि मंजरी केस: एक महीने बाद भी आजाद घूम रहे आरोपी, झूठे दावे कर रही पुलिस
वहीं दूसरी ओर पुलिस का दावा है कि पुलिस इस मामले के अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच गई है तथा अब केवल आरोपियों की गिरफ्तारी ही शेष है।
बलिया: मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत के एक महीने बाद भी नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता व अन्य आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष के फरार होने के मद्देनजर प्रदेश शासन ने नगर पंचायत मनियर के प्रशासनिक व वित्तीय कार्यों का संचालन करने के लिए उपजिलाधिकारी बांसडीह दुष्यंत कुमार मौर्य को प्रशासक नियुक्त किया है।
घटना के एक माह बाद भी नहीं निकला कोई नतीजा
मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत को एक माह पूरे हो गए। मणि मंजरी राय ने गत 6 जुलाई की रात्रि बलिया शहर में स्थित आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। मणि मंजरी ने मौत के समय एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिस पर लिखा था ' सॉरी भैया, सॉरी मम्मी-पापा। दिल्ली बनारस हर जगह से खुद को संभालकर आ गई। लेकिन यहां आकर मेरे साथ बहुत छलावा हुआ। मुझे फंसाया गया पूरी रणनीति के तहत। मुझे माफ कर दीजिए।
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गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना क्षेत्र के कनुवान ग्राम के रहने वाले विजया नन्द राय ने घटना के दो दिन बाद बलिया शहर कोतवाली में भारतीय दंड विधान की धारा 306 ( आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करना ) में मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता, सिकंदरपुर नगर पंचायत के मौजूदा अधिशासी अधिकारी संजय राव, टैक्स लिपिक विनोद सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर अखिलेश, एक अन्य व कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद इसकी विवेचना पुलिस अधीक्षक कार्यालय के क्राइम ब्रांच में कार्यरत एक निरीक्षक को सौंपी। क्राइम ब्रांच में कार्यरत निरीक्षक ने अभी विवेचना को आगे बढ़ाया ही था कि उनसे विवेचना का दारोमदार लेकर शहर कोतवाल विपिन सिंह को विवेचना सौंप दिया गया। घटना के एक माह बाद भी नतीजा सिफर ही रहा है।
पुलिस कर रही अलग ही दावा
वहीं दूसरी ओर पुलिस का दावा है कि पुलिस इस मामले के अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच गई है तथा अब केवल आरोपियों की गिरफ्तारी ही शेष है। पुलिस ने टीम के जरिये आरोपियों के छिपे होने वाले स्थानों पर छापेमारी की तथा मोबाइल के जरिये लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया। परन्तु सफलता के नाम पर पुलिस के पास अब तक वाहन चालक चंदन वर्मा की गिरफ्तारी ही है। भाजपा से जुड़ा होना तो आरोपी नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता की गिरफ्तारी में आड़े नहीं आ रहा। यह चर्चा जोरों पर है। इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलिया आये तो यह उम्मीद जगी थी कि अब आरोपी शीघ्र पकड़ में आ जायेंगे। मुख्यमंत्री का बलिया दौरा कोविड-19 तक ही सीमित रह गया। मुख्यमंत्री के कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुए समीक्षा में भी यह मसला गायब रहा। इससे चर्चाओं को बल मिल रहा है। पुलिस ने आरोपियों के फरार होने के बाद भी अब तक न्यायालय से फरारी की उद्घोषणा तक नही ली और न ही कुर्की के सम्बंध में कोई कदम उठाया। नगर पंचायत से गायब फाइल भी अब तक नहीं मिली। इसको लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
उपजिलाधिकारी बांसडीह को नियुक्त किया प्रशासक
इस बीच नगर पंचायत अध्यक्ष के फरार होने के मद्देनजर प्रदेश शासन ने नगर पंचायत मनियर के प्रशासनिक व वित्तीय कार्यों का संचालन करने के लिए उपजिलाधिकारी बांसडीह दुष्यंत कुमार मौर्य को प्रशासक नियुक्त किया है। शासन की ओर से जारी आदेश में यह उल्लेख है कि नगर पंचायत मनियर के अधिशासी अधिकारी की मृत्यु के बाद पुलिस कार्यवाही में सहायता के लिए जिलाधिकारी के द्वारा गठित कमेटी पर सहमति प्रदान की जाती है।
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वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष की फरारी के कारण अस्थाई रूप से नगर पंचायत मनियर के प्रशासनिक व वित्तीय कार्यों के संचालन के लिए एसडीएम बांसडीह को प्रशासक नियुक्त किया जाता है। इसके साथ ही नगर पंचायत मनियर के अधिशासी अधिकारी का प्रभार सहतवार नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को सौपा गया है।
रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर