बलरामपुर सदर विधायक पल्टूरामः काफिले और गार्डों से दूर, अलग पहचान
विधायक पलटू राम का कहना है कि विधायक निधि अब समस्या बन गई है। क्योंकि एक करोड़ प्रति वर्ष मिलने वाली यह रकम ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इससे क्षेत्र का समुचित विकास संभव नहीं है जबकि जनता की अपेक्षाएं अत्यधिक हैं। इसलिए या तो इसे बढाएं या बंद कर दें।
तेज प्रताप सिंह
गोंडा। छात्र जीवन से ही राजनीति के माध्यम से समाज सेवा का संकल्प लिए बलरामपुर के भाजपा विधायक पल्टूराम राजनीति में न आते तो सेना में जाकर देश की सेवा करते। राजनीतिक रसूख के दौर में उनकी सादगी राजनेताओं के लिए शानदार उदाहरण हैं। भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरु होने का ऐलान उनके जीवन के सबसे खुशी का दिन रहा।
राजनीति से फुरसत मिलने पर परिवार और दोस्तों के बीच समय बिताने वाले पल्टूराम के लिए माता पिता का अब साथ न होना सबसे दुखद पहलू है। शुरुआती दौर में बहुजन समाज पार्टी में रहे पल्टूराम का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है जिसमें आंतरिक लोकतंत्र है और अदने से कार्यकर्ता को भी पार्टी फोरम पर अपनी बात रखने का अधिकार मिला है।
20 साल में बनाई अलग पहचान
गोंडा जिला मुख्यालय से सटे परेड सरकार गांव के गरीब किसान परिवार में जन्में विधायक पल्टूराम सबसे पहले वर्ष 2000 में पहली बार भदुआ तरहर क्षेत्र से सदस्य और गोंडा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चुने गए। 2
005 में अध्यक्ष का पद जब महिला के लिए आरक्षित हुआ तो इसी क्षेत्र से चुनाव जीतकर उनकी पत्नी ज्ञानमती को जिला पंचायत की अध्यक्ष बनीं।
2007 के विधान सभा चुनाव में बसपा ने उन्हें मनकापुर सुरक्षित सीट से लड़ाया किन्तु वे मात्र 4622 मतों से हार गए। 2010 में पल्टूराम की पत्नी ने भदुआ तरहर क्षेत्र से पुनः जीत दर्ज की।
इसके बाद 2015 में उन्होंने क्षेत्र बदलकर गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। पार्टी के प्रति निष्ठा एवं समर्पण को देखते हुए वर्ष 2017 में उन्हें भाजपा ने पड़ोसी जिले बलरामपुर सदर सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया तो वहां भी भारी मतों से जीतकर विधायक बन गए।
जनता के बीच बेहद लोकप्रिय
गोंडा नगर में सिविल लाइन क्षेत्र के रघुकुल नगर मोहल्ले में परिवार के साथ रह रहे बलरामपुर सदर के भाजपा विधायक पल्टूराम राजनीति के अलावा खेती किसानी भी करते हैं। उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली बल्कि मेहनत, ईमानदारी और समाज सेवा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
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जनता की समस्याएं हों अथवा खेती किसानी का काम वे पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी निपटाते हैं। सुबह और सायंकाल पत्नी के साथ लोक कल्याण के लिए ईश्वर की पूजा प्रार्थना भी करते हैं।
परास्नातक तक शिक्षित पल्टूराम की छवि एक ईमानदार विधायक के रूप में है और वे गोंडा-बलरामपुर की जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। उनके साथ वाहनों का कोई काफिला नहीं चलता और न ही सुरक्षा गार्डों की फौज होती है। इसलिए गरीब से गरीब आदमी भी उनसे बेरोकटोक मिल सकता है।
राजनीति में बदलाव शुभ
लंबे समय से राजनीति कर रहे विधायक पल्टूराम के अनुसार, राजनीति में बदलाव देश के लिए अत्यंत शुभकारी है। इसी बदलाव ने देश के करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान राम के मंदिर निर्माण, नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस बदलाव के भविष्य में भी अनेक सुखद परिणाम मिलेंगे, देश से भ्रष्टाचार का खत्म होगा और राजनीतिक क्षेत्र में स्थिरता आएगी।
चुनावी खर्च पर अंकुश जरूरी
बलरामपुर के भाजपा विधायक पल्टूराम बताते हैं कि वैसे तो वह छात्र जीवन से ही राजनीति में थे, लेकिन भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह से सम्पर्क और सानिध्य उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
राजनीतिक शुचिता और स्वच्छता, चुनाव में धन, बल और जातिवाद रोकने के पक्षधर पल्टूराम कहते हैं कि स्वच्छ छवि और ईमानदार जनप्रतिनिधि ही देश को सही दिशा प्रदान करते हुए विकास के रास्ते पर ले जा सकता है।
इसके लिए चुनाव आयोग को पहल करनी होगी और चुनाव में धन, बल और जातिवाद के साथ ही प्रत्याशियों द्वारा अंधाधुंध चुनावी खर्च पर भी अंकुश लगाना होगा।
पाला बदलकर दूसरे दल में जाना किसी भी दशा में उचित नही है। दल बदल कानून को सख्ती से लागू होगा तो सांसद विधायकों की खरीद फरोख्त और सरकारों के गठन में राजनीतिक जोड़तोड़ भी रुकेगा।
जनता से विनम्र अपेक्षा है कि वह सुख और दुख के साथी अच्छी छवि के जनप्रतिनिधियों का ही चुनाव करे, जिससे क्षेत्र व देश का सर्वांगीण विकास हो सके।
विधायक निधि बनी समस्या
विधायक पलटू राम का कहना है कि विधायक निधि अब समस्या बन गई है। क्योंकि एक करोड़ प्रति वर्ष मिलने वाली यह रकम ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इतनी कम धनराशि से क्षेत्र का समुचित विकास संभव नहीं है जबकि इसके कारण जनता की अपेक्षाएं अत्यधिक हैं। इसलिए विधायक निधि की धनराशि या तो बढ़ा दी जाए अन्यथा इसे समाप्त कर देना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि आज के समय में अधिकांश नौकरशाही मददगार कम जनता के कामों में रोड़ा ज्यादा अटकाती हैं। इसीलिए जन समस्याओं का उचित निस्तारण नहीं हो पाता।
इसी का नतीजा है कि छोटे-छोटे काम के लिए लोगों को जनप्रतिनिधियों का सहारा लेना पड़ता है। नौकरशाही के जन विरोधी अड़ियल रुख के कारण ही कई बार नेताओं व नौकरशाहों के बीच टकराव की स्थिति भी बन जाती है।
ओवरब्रिज की स्वीकृति, पालीटेक्निक का शिलान्यास
विधायक पल्टूराम के अनुसार
विधानसभा क्षेत्र के घघुलपुर में पालीटेक्निक भवन के निर्माण का भूमि पूजन और शिलान्यास किया
विद्युत उपकेन्द्रों का लोकार्पण किया तथा 100 करोड़ रुपए की लागत से नगर क्षेत्र में जाम से छुटकारा दिलाने के लिए झारखंडी रेलवे क्रासिंग पर सवा तीन किमी लम्बे ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति दिलायी।
राजकीय बालिका इण्टर कालेज स्थापना की स्वीकृति के साथ गोंडा-बलरामपुर और उतरौला-बलरामपुर रोड का कार्य उनकी बड़ी उपलब्धियां हैं।
उल्लेखनीय कार्य
इसी प्रकार 200 करोड़ की लागत से वीर विनय चौराहे से बलरामपुर-तुलसीपुर रोड के चौड़ीकरण और दो बड़े पुलों के निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है।
पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क के लिए बेहतर कार्य किया गया है।
बाईपास, मेडिकल कालेज का निर्माण प्राथमिकता
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विधायक पलटू राम ने बताया कि नगर में जाम की समस्या के कारण गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती एवं देवीपाटन मंदिर जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अधिवक्ताओं को न्यायालय जाने तथा विद्यार्थियों को विद्यालय पहुंचने प्रायः जाम के कारण अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ रहा है।
इसके निराकरण के लिए बाईपास का निर्माण तथा क्षेत्रीय जनता के आवागमान को सुगम बनाने के लिए बेल्हा-गौरा-इटवा मार्ग, महेशभारी-भैसहवा मार्ग, श्रीदत्तगंज-गुमड़ी मार्ग, बालपुर-तिलकपुर मार्ग की अति आवश्यकता है।
इसके लिए लोक निर्माण मंत्री से अनुरोध किया गया है।
ये काम अभी नहीं हो पाए
विधायक पल्टूराम बताते हैं कि
क्षेत्र में झारखण्डी और फुलवरिया बाईपास पर ओवरब्रिज का निर्माण,
किंग जार्ज मेडिकल कालेज का सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास,
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राजकीय बालिका इण्टर कालेज स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य अभी सम्पन्न नहीं हो पाए हैं।
इसके अलावा नगर में सीवर लाइन, रोडवेज बस अड्डा का निर्माण, रिंगरोड का निर्माण, बेलहा-गौरा और महेश भारी-भैंसहा मार्ग निर्माण उनकी प्राथमिकताओं में है।