Balrampur: दहेज के लिए बहू को जलाया, सास-ससुर और जेठ-जेठानी को आजीवन कारावास

Balrampur News: कोर्ट ने बहू को जिंदा जलाने के दोषियों मामले में पति-पत्नी, बेटे सहित एक ही परिवार के 4 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 85-85 हजार रुपए का अर्थदंड भी सुनाया है।

Update: 2024-03-01 16:39 GMT

 Balrampur News (Pic:Social Media) 

Balrampur News: बलरामपुर में एक स्थानीय अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में बहू को जिंदा जलाने के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने बहू को जिंदा जलाने के दोषियों मामले में पति-पत्नी, बेटे सहित एक ही परिवार के 4 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 85-85 हजार रुपए का अर्थदंड भी सुनाया है।

शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह के अनुसार बलरामपुर नगर क्षेत्र के खलवा निवासी अमरीश कुमार तिवारी ने विगत 2 अक्टूबर 2016 को कोतवाली थाना गैसढी में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया था कि उसकी बेटी सुनीता को दहेज की मांग को लेकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। मांग पूरी न होने पर सास राधा मिश्रा, ससुर जगप्रसाद मिश्र, जेठ पप्पू उर्फ दुर्गेश मिश्र और जेठानी नीतू मिश्रा ने मिलकर उसकी पुत्री सुनीता को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया है। जिससे उसकी मौत हो गई है।

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक द्वारा एक माह में सजा कराए जाने के निर्देश व ऑपरेशन कनविक्शन के तहत चिन्हित मुकदमों में पुलिस अधीक्षक बलरामपुर केशव कुमार के निर्देशन में थाना पुलिस ने चिन्हित मुकदमों में पैरवी तेजी की और विवेचना कर सास राधा मिश्रा,ससुर जगप्रसाद मिश्र, जेठ पप्पू उर्फ दुर्गेश मिश्र और जेठानी नीतू मिश्रा के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मुकदमे के दौरान दोनों पक्ष से बयान दर्ज कराए गए। बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि खाना बनाते समय आग लग गई थी जिससे उसकी मौत हुई है।

अभियोजन पक्ष से कहा गया कि लड़की की दहेज की मांग को लेकर सास राधा मिश्रा,ससुर जगप्रसाद मिश्र,जेठ पप्पू उर्फ दुर्गेश मिश्र और जेठानी नीतू मिश्रा ने मिलक पेट्रोल डाल कर जिंदा जलाया है। ऐसे दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए जिससे दहेज लोभियों को सबक मिल सके। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने और साक्ष्यों को देखने के बाद जिला जज अनिल कुमार झा ने जगप्रसाद मिश्र, पत्नी राधा मिश्रा,पुत्र पप्पू उर्फ दुर्गेश मिश्र और नीतू मिश्रा को दोषी करार मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। और और अदालत ने चारों दोषियों को 85-85 हजार का अर्थ दंड भी लगाया है।

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