Balrampur News: हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए डीएम ने जारी की एडवाइजरी

Balrampur News: डीएम ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जब किसी जगह का स्थानीय तापमान लगातार तीन दिनों तक वहाँ के सामान्य तापमान से 03 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहें तो उसे लू या हीट वेव कहते हैं।

Update: 2024-05-29 17:18 GMT

DM Arvind Singh (Pic:Newstrack)

Balrampur News: बलरामपुर जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने गीष्म ऋतु में लू (हीट स्ट्रोक )/गर्म हवाओं से बचाव हेतु जनहित मे एडवायजरी जारी की है। जिलाधिकारी ने बताया कि मौमस विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार भीषण गर्मी का प्रकोप अभी जारी रहेगा तथा वर्तमान में पारा 43 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि जनसामान्य हीटवेब (लू) से बचाव को लेकर सतर्क रहें तथा बचाव के उपायों को जानें एवं अपना तथा समुदाय का बचाव कर सकें।

उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जब किसी जगह का स्थानीय तापमान लगातार तीन दिनों तक वहाँ के सामान्य तापमान से 03 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहें तो उसे लू या हीट वेव कहते हैं। उन्होंने कहा कि जब वातावरणीय तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है तो मानव शरीर पर उसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, पर जैसे ही तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ता है तो हमारा शरीर वातावरणीय गर्मी को शोषित कर शरीर के तापमान को प्रभावित करने लगता है।

उन्होंने बताया है कि गर्मी में सबसे बड़ी समस्या लू लगना होती है। गर्मी में उच्च तापमान में ज्यादा देर तक रहने से या गर्म हवा के झोंकों के सम्पर्क में आने पर लू लगने की प्रबल सम्भावना होती है। उन्होंने बताया कि गर्मी में शरीर के द्रव्य यठवकल थ्सनपकद्ध सूखने लगते हैं, शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर, शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह के मरीजों तथा डाययूरेटिक, एंटीस्टिमिनिक, मानसिक रोग की कुछ औषधियां लेने वाले मरीजों को लू लगने का खतरा अधिक रहता है। लू लगने पर परिलक्षित होने वाले लक्षण जैसे-त्वचा का गर्म, लाल, शुष्क होना, पसीना न आना, पल्स तेज होना, उल्टे श्वास गति में तेजी, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना तथा मूत्र न होना अथवा इसमें कमी होना है।

उन्होंने बताया कि उच्च तापमान से शरीर के आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुँचता है तथा इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है। साथ ही मनुष्य के हृदय के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न होता है। डीएम ने बताया है कि जो लोग एक या दो घंटे से अधिक समय तक 40.6 डिग्री से0105 डिग्री एफ० या अधिक तापमान अथवा गर्म हवा में रहते हैं, तो उनके मस्तिष्क में क्षति होने की सम्भावना प्रबल हो जाती है। जिलाधिकारी ने लू (हीट वेव) से बचने के उपायों यथा-‘क्या करें और क्या ना करें’ की जानकारी देते हुए बताया कि अधिक से अधिक पानी पियें, यदि प्यास न लगी हो, तो भी पानी पियें ताकि शरीर में पानी की कमी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। धूप में गमछा, चश्मा, छाता, टोपी व पैरों में चप्पल का उपयोग अवश्य करें। खुले में कार्य करने की स्थिति में सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढँके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाये में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछें अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी अवश्य साथ रखें।

उन्होंने बचाव के बारे में बताया कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें। खाना बनाते समय घर के खिड़की दरवाजे आदि खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। साथ ही शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें, यह शरीर को निर्जलित करते हैं। उन्होंने कहा कि ओआरएस घोल या घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू-पानी, छाछ, कच्चे आम से बना पना आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी न हो। अगर आपकी तबीयत ठीक न लगें, तो गर्मी से उत्पन्न हाने वाले विकारों, बीमारियों को पहचाने और किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर तुरन्त चिकित्सकीय परामर्श लें। साथ ही अपने घर को ठण्डा रखें, पर्दे, दरवाजे आदि का उपयोग करें तथा शामध्रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल कर रखें या अपनी सुरक्षा का विषेश ध्यान रखते हुए)। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा आवश्यकतानुसार स्नान करें। कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें और उसका नियमित उपयोग करते रहें। श्रम साध्य कार्यों को ठण्डे समय में करने कराने का प्रयास करें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि व आवृत्ति को बढ़ायें तथा गर्भवती महिला कर्मियों तथा रोग ग्रस्त कर्मियों का अतिरिक्त एवं विषेश ध्यान रखें।

इसी क्रम में बलरामपुर विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति के लिए एडवाइजरी जारी किया है। विभाग ने जनपद वासियों से अपील किया है कि अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की डिमांड विगत वर्ष की तुलना में लगभग 65 फीसदी बढ़ गई हैं। ऐसे में विद्युत सिस्टम ओवरलोड से ट्रिप हो रहा है। सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए की रोस्टिंग करनी पड़ रही है। विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति के लिए एडवाइजरी जारी की है। साथ ही विद्युत का सही ढंग से उपयोग करने की अपील की है। जिला अधिशासी अभियंता ने कहा कि विद्युत विभाग के कर्मचारी 47 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी लोहे के पोल पर चढ़ कर लाइन ठीक कर रहे हैं। उपभोक्ताओं से अपील है कि फॉल्ट होने पर अथवा रोस्टिंग होने पर थोड़ा धैर्य रखें। विद्युत विभाग के द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करें।

यह जारी की एडवाइजरी

  • घरों सभी विद्युत उपकरण एक साथ न चलाएं।
  • सबमर्सिबल पंप, वाशिंग मशीन, प्रेस इत्यादि उपकरण का प्रयोग सुबह 6 से 9 बजे के बीच करें।
  • एसी का तापमान सेटिंग 24 डिग्री रखें तथा टाइमर को भी सेट करें।
  • विद्युत वायरिंग ठीक रखें एवम अर्थिंग की जांच कर ठीक करा लें।
  • मात्र सजावट दिखावे के लिए विद्युत की फिजूल खर्ची न करें।
  • जब तक विद्युत प्रणाली ओवरलोड चल रही है यथा संभव परिवार के सदस्य आवास के कम से कम कमरों का प्रयोग करें, जिससे चालू एसी की संख्या कम रहे।
  • यदि आसपड़ोस में कोई विद्युत चोरी कर रहा है, तो इसकी सूचना विद्युत विभाग को दे।
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