Balrampur News: फर्जी नियुक्तियां कराने के सूत्रधार कानून के शिंकजे दूर, जाने क्या है पूरा मामला?
Balrampur News: बड़े पैमाने पर एफआईआर होने के बाद भी फर्जी नियुक्तियां बांटने वालों का अब तक कोई ठोस सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है।
Balrampur News: बलरामपुर जिला प्रशासन के तमाम कवायद के बाद भी शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियां कराने के सूत्रधार कानून के शिंकजे से अभी भी कोसो दूर हैं। पुलिस व एसटीएफ की जांच के बाद भी सिर्फ फर्जीवाड़े से नौकरी पाने वाले ही पकड़ में आए हैं। जबकि फर्जी अभिलेख व नियुक्ति पत्र तैयार करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं। बड़े पैमाने पर एफआईआर होने के बाद भी फर्जी नियुक्तियां बांटने वालों का अब तक कोई ठोस सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है।
क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि जिले के माध्यमिक स्कूलों में 18 ऐसे लोगों का खुलासा हो चुका है, जिनमें 17 का चयन पत्र ही फर्जी था। बीते दिनों पुलिस ने एक साल फरार चल रही फर्जी अभिलेख पर नियुक्त शिक्षिका आसमा परवीन को वीर विनय चौक से गिरफ्तार किया तो फर्जीवाड़े का मामला फिर चर्चा में आया। इस शिक्षिका ने बीएड डिग्री पश्चिम बंगाल से बनवा रखी थी। इसी तरह फर्जी अभिलेख पर मुकेश पांडेय और हरिहर प्रसाद पर मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज है। अभी तक इन दोनों की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। हालांकि तुलसीपुर थाने में चंद्रशेखर सिंह निवासी गाजीपुर व वाराणसी के सुनील कुमार की जुलाई 2023 में फर्जी चयन पत्र से नौकरी पाने पर गिरफ्तारी हो चुकी है।
ये हुए जालसाजों के शिकार
उल्लेखनीय है कि बलरामपुर में फर्जी चयन पत्र के आधार पर कईयों ने शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली है। इसमें से बीपीएस इंटर कालेज रेहराबाजार में कल्पना मौर्या, मोहनलाल रामलाल इंटर कालेज शिवपुरा के संतोष कुमार चंद, राजकुमार दुबे, विकास चंद्र, रामशंकर भारतीय इंटर कालेज मथुरा बाजार के मनोज कुमार सिंह, प्रेमलता, भारतीय इंटर कालेज उतरौला की शिल्पी केसरी, प्रियंका मिश्रा, जितेंद्र कुमार कुशवाहा, डीएबी इंटर कालेज के भूपेंद्र यादव, लोकमान्य तिलक इंटर कालेज पचपेड़वा के सांगा तोमर, स्वतंत्र भारत इंटर कालेज तुलसीपुर के मितेश यादव व बाल विद्या मंदिर इंटर कालेज रेहराबाजार के धर्मेंद्र मिश्र की नियुक्तियां भी फर्जी मिली हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक गोविंद राम ने कहा कि इस मामले में अब पुलिसिया कार्रवाई के साथ ही शिक्षा विभाग भी कार्रवाई की तैयारी है।
पश्चिम बंगाल से प्रयागराज तक फैला है मकड़जाल
फर्जीवाड़ा करने वालों का जाल पश्चिम बंगाल से प्रयागराज तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का मुख्यालय भी है। डीआईओएस दफ्तर में चयन पत्र की सूची साल 2021 में प्रयागराज से डाक के माध्यम से प्राप्त हुई थी। इसके आधार पर ही चयनित शिक्षकों को कार्यभार भी ग्रहण कराया गया। हालांकि अभी भी पूरी जांच में अब तक फर्जीवाड़ा करने वालों का खुलासा होना बाकी है।