Balrampur News: एमएलके पीजी कालेज में चन्द्रयान -3 के सफल लैंडिंग का लोगों ने देखा सीधा प्रसारण
Balrampur News: बलरामपुर के एमएलके पीजी कालेज में चन्द्रयान-3 के सफल लैंडिंग का लोगों ने देखा सीधा प्रसारण : भाजपा नेत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधन में कहा था कि- विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक नई उड़ान लेगा।
Balrampur News: चन्द्रयान- 3 के लैंडिंग का सीधा प्रसारण बलरामपुर महाविद्यालय के आडिटोरियम मे प्राचार्य प्रो.जनार्दन प्रसाद पाण्डेय के निर्देशन तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में दिखाया गया। इस दौरान मुख्य नियंता प्रोफेसर पी के सिंह, प्रोफेसर एम अंसारी, प्रो.पीसी गिरी, प्रो.प्रमिला तिवारी, डॉ. ऋषि रंजन पांडेय डा.सुनील कुमार के साथ साथ अन्य कई शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा कई छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
प्राचार्य प्रो. जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ने सभी शिक्षकों, छात्र छात्राओं और देशवासियों को चन्द्रयान 3 के चन्द्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए बधाई दी तथा इसे एक महान उपलब्धि बतलाया। उन्होंने चन्द्रयान 3 के द्वारा डाटा उपलब्ध कराए जाने पर भविष्य मे भारतीय स्पेस अनुसंधान के विकास की अपार संभावनाओं पर अपने विचार संक्षेप मे छात्र छात्राओं के बीच रखे।
इसी क्रम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री अंजली मिश्रा ने चन्द्रयान-3 के सफल होने पर कहा कि "14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्री हरिकोटा से उड़ान भरकर 40 दिनों की यात्रा करके आज 23 अगस्त की शाम 6:04 बजे चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक अपनी यात्रा पूर्ण की। इस शुभ अवसर पर संपूर्ण राष्ट्र को अवगत कराना चाहती हूं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि- विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक नई उड़ान लेने को तैयार है तथा चन्द्रयान-प्रथम इसका आगाज करेगा। इसी ध्येय को साकार करने में लगी मोदी सरकार ने इसरो( ISRO) जैसी महत्वपूर्ण संस्था को पर्याप्त आर्थिक सहयोग देकर उनका मनोबल बढ़ाते हुए चन्द्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतारा। इस अभियान का नेतृत्व करते हुए एस सोमनाथ ने भारत का मान विश्व में पुनः बढ़ाया है। इस पर प्रत्येक भारतीय गौरव की अनुभूति कर रहा है।"
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के पदाधिकारी गण डॉ. आलोक शुक्ला, डाॅ. जितेंद्र कुमार, डाॅ. अनामिका सिंह तथा डाॅ. रमेश शुक्ल ने भी छात्र छात्राओ सहित सभी को बधाई दी। डाॅ. भट्ट ने इस स्पेस मिशन मे किए जाने वाले अध्ययनों से होने वाले लाभ के बारे में बताया और कहा कि इस अध्ययन से यदि पानी की मौजूदगी और उसकी आसान उपलब्धता सिद्ध होती है। तो चंद्रमा को अन्य स्पेस मिशन के लिए बेस कैम्प की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। मानव कॉलोनी भी बनाया जा सकता है।