Balrampur News: खतरे के निशान के करीब पहुंची राप्ती नदी, दहशत में ग्रामीण

Balrampur News: पहाड़ों पर बारिश होने से राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। जो चेतावनी बिंदु के 103.620 मीटर के सापेक्ष शाम 6:00 बजे तक राप्ती का जलस्तर 103.550 मीटर तक पहुंच चुका था।

Update: 2023-08-27 15:28 GMT
(Pic: Social Media)

Balrampur News: हिमालय की तलहटी से निकली राप्ती नदी पिछले एक सप्ताह से बलरामपुर में हो रही रुक-रुक कर बारिश और नेपाल के पहाड़ी नालों से आ रहे बाढ़ के पानी से हरैया सतघरवा, महराजगंज, ललिया शांतिनगर, विजयडीह मेटहवा, रामगढ़िया, सुगानगर, लहरी, मदारगढ़, बजरडीह, अमाहवा, परसिया, किला, अकबरपुर, काशीपुर, लोहकहवा, धनवा इटहिया भवानियापुर सहित तराई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है और राप्ती नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है साथ ही निचले इलाकों में बाढ़ व कटान के खतरे से आस पास के ग्रामीण पूरी तरह से सहमे हुए है।

पहाड़ी नालों में भी बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है। जिले के साथ-साथ पहाड़ों पर भी बीते चार दिनों से बारिश हो रही है। पहाड़ों पर बारिश होने से राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। जो चेतावनी बिंदु के 103.620 मीटर के सापेक्ष शाम 6:00 बजे तक राप्ती का जलस्तर 103.550 मीटर तक पहुंच चुका था। सिसई घाट पर तैनात स्किल वर्क असिस्टेंट मुकेश ने बताया कि राप्ती का जलस्तर एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। राप्ती में बाढ़ आने से निचले इलाकों में कटान तेज हो गई है। सदर व उतरौला तहसील के 150 गांवों पर बाढ़ व कटान का खतरा मंडराने लगा है। साथ ही हरिहरगंज ललिया मार्ग पर बाढ़ का पानी लगातार बह रहा है। जिसके कारण आवागमन बाधित हो गया है। इसके साथ बाढ़ व कटान को लेकर ग्रामीणों को चिंता सताने लगी है।

एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार ने बताया कि आपदा प्रबंधन की तरफ से बाढ़ पर निगरानी रखी जा रही है। बाढ़ प्रभावित सभी गांवों में राजस्व निरीक्षकों व हल्का लेखपालों को नजर रखने का निर्देश दिया गया है। कलेक्ट्रेट के साथ-साथ तीनों तहसीलों में भी बाढ़ को लेकर कंट्रोल रूम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया है कि बाढ़ आने की सूचना कोई भी व्यक्ति कंट्रोल रूम पर दे सकता है। हांलाकि रविवार दोपहर से कुछ बारिश से राहत मिली है। लेकिन तराई क्षेत्र के कई गांवों व मार्गों पर बाढ़ का पानी भर गया है। साथ ही पानी का बहाव तेज होने के कारण कई मार्गों का संपर्क टूट जाने से आवागमन भी बाधित हो गया है। बाढ़ के कारण पशुओं के लिए चारे का संकट भी बढ़ गया है। वहीं पर उपजिलाधिकारी राजेंद्र बहादुर ने बताया कि बाढ़ पर प्रशासन की लगातार नजर रखे हुए है और कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को लगा दिया गया है।

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