बाराबंकी: बीजेपी नेता रंजीत बहादुर ने बताया इसलिए सपाई लगाते हैं लाल टोपी

बाराबंकी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता और अपने तार्किक बयानों के लिए विख्यात रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा योगी आदित्यनाथ को लाल टोपी लगाने की सलाह दिए

Update: 2021-03-07 07:07 GMT
बाराबंकी: बीजेपी नेता रंजीत बहादुर ने बताया इसलिए सपाई लगाते हैं लाल टोपी (PC: social media)

बाराबंकी: भाजपा के तार्किक बयान बहादुर नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव एक बार फिर आज अपना तीर कमान लेकर सामने आए और इस बार निशाना साधा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर । अखिलेश यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लाल टोपी पहनने की सलाह पर भड़क गए और अखिलेश यादव को लाल टोपी का इतिहास समझा डाला । रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने अखिलेश यादव को यहां तक कह दिया कि सपाइयों का इतिहास कारसेवकों और मुजफ्फरनगर काण्ड में मारे हिन्दुओ के खून से रंगे हुए है इस लिए वह लाल टोपी लगाते है लेकिन योगी जी अपराधियों और आतंकवादियों का सफाया कर रहे है वह क्यों लाल टोपी लगाएंगे ।

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सपाई खुद लाल टोपी लगाने छोड़ दें क्योंकि इससे हिन्दुओ की भावनाएं आहत होती है

बाराबंकी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता और अपने तार्किक बयानों के लिए विख्यात रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा योगी आदित्यनाथ को लाल टोपी लगाने की सलाह दिए जाने से काफी नाराज हुए और अखिलेश यादव को लाल टोपी और सपाइयों का इतिहास समझा डाला। साथ ही भाजपा नेता ने कहा कि सपाई खुद लाल टोपी लगाने छोड़ दें क्योंकि इससे हिन्दुओ की भावनाएं आहत होती है और सपा का वह इतिहास जो अयोध्या के कारसेवकों , मुजफ्फरनगर काण्ड में मारे गए हिन्दुओ के खून से सना है की याद दिला देता है ।

लाल टोपी का इतिहास अखिलेश जी पहले समझें अपरिपक्वता न दिखाए

भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि लाल टोपी का इतिहास अखिलेश जी पहले समझें अपरिपक्वता न दिखाए । भाजपा नेता ने कहा कि 1 मई 1886 को शिकागो के अन्दर काम को 8 घण्टे करने की माँग को लेकर आन्दोलन हुआ और उसे दमन करने के लिए अमेरिका की सेना द्वारा गोलियाँ चलवा कर उनका खून बहाया गया उस आन्दोलन को विस्तार देने के लिए मजदूरों ने आन्दोलन में मारे गए मजदूरों के रक्त से सने कपड़े शरीर पर भी लपेटे और वह साफे के रूप में भी बांधे बाद में यह लाल रंग के ऊपर हँसिया , हथौड़े का निशान झण्डे पर आ गया।

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लेकिन सपाइयों का न तो मजदूरों से वास्ता रहा न किसानों से फिर यह किस बात की लाल टोपी लगा रहे है । लोहिया जी ने क्या कभी लाल टोपी लगाई या राजनारायण जी ने कभी लाल टोपी लगाई । यह टोपी अबके सपाई लगा रहे हैं जिनके हाथ कारसेवकों और मुजफ्फरनगर काण्ड में मारे गए हिन्दुओ के खून से सने है । उन्हें अखिलेश यादव को सलाह है कि वह भी लाल टोपी उतार दें क्योंकि इससे हिन्दुओ की भावनाएं आहत होती है ।

रिपोर्ट- सरफराज़ वारसी

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