Barabanki News: स्वच्छता पखवाड़े को लेकर सीएम योगी का आदेश बना मजाक, स्कूलों में नहीं पहुंचे टीचर, कई विद्यालयों में लटकता मिला ताला
Barabanki News: बाराबंकी जिले में आज कई स्कूल ऐसे मिले जहां के शिक्षकों में सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश की न कोई फिक्र दिखी और ना ही उनमें स्वच्छता पखवाड़ा अभियान को लेकर गंभीरता देखी गई।
Barabanki News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के एक दिन पहले यानी पहली अक्टूबर को सभी से एक घंटा स्वछता के लिए श्रमदान करने की अपील की है। 'स्वच्छता ही सेवा' पखवाड़ा के तहत सभी विद्यालयों में भी शिक्षकों को बच्चों के साथ मिलकर सफाई अभियान चलाकर अभिभावकों और आसपास के लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना था। लेकिन बाराबंकी जिले में आज कई स्कूल ऐसे मिले जहां के शिक्षकों में सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश की न कोई फिक्र दिखी और ना ही उनमें स्वच्छता पखवाड़ा अभियान को लेकर गंभीरता देखी गई। आलम यह था कि कई परिषदीय विद्यालयों के तो ताले तक नहीं खुले थे। जबकि कई विद्यालय के अध्यापक खानापूर्ति के लिए काफी बाद में पहुंचे। स्कूलों में हालत यह थी कि बच्चों को बुला तो लिया गया था लेकिन उन्हें किसलिए बुलाया गया है और करना क्या है इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं थी। हालांकि कुछ विद्यालय की तस्वीर काफी अच्छी दिखी। यहां विद्यालय स्टाफ के साथ बच्चे भी काफी जागरूक मिले।
बच्चे अभियान से अंजान
सबसे पहले बात बाराबंकी जिले में विकासखंड बंकी की। यहां के प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर में शिक्षकों का स्टाफ ही देर से आया। जबकि कुछ शिक्षक पहले से छुट्टी पर चल रहे हैं। ऐसे में जब शिक्षक ही सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद विद्यालय में देर से पहुंच रहे हैं तो बच्चे कैसे समय से पहुंचे। कुल मिलाकर जब विद्यालय का स्टाफ ही स्वच्छता पखवाड़े का लेकर जागरूक नहीं है तो वह बच्चों उनके अभिभावकों और गांव वालों को कैसे जागरूक करेंगे। यहां पर स्वच्छता पखवाड़े के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया।
जबकि विकासखंड बंकी का ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोहम्मदपुर भी है। जहां का टीचिंग स्टाफ अपने कर्तव्य को लेकर काफी जागरूक दिखा। यहां लगभग सभी बच्चे आए हुए थे और उन्हें स्वच्छता पखवाड़े को लेकर सभी जानकारी थी। शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में साफ-सफाई के बाद प्रभात फेरी निकाली गई है और बच्चों के अभिभावकों के साथ ही गांव वालों को सफाई के प्रति जागरूक किया गया है। शिक्षकों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अभियान को पूरा विद्यालय स्टाफ और बच्चे सफल बना रहे हैं। इस दौरान स्कूल के बच्चे भी काफी खुश दिखे और स्वच्छता पखवाड़े को लेकर अपनी जानकारी साझा की।
बाराबंकी में विकासखंड देवा के प्राथमिक विद्यालय मुस्तफाबाद देशी का हाल काफी खराब दिखा। विद्यालय के मेन गेट पर ताला बंद था। यहां स्वच्छता पखवाड़ा मनाने के लिए ना तो शिक्षकों का स्टाफ ही आया था और ना ही कोई बच्चे ही स्कूल में दिख रहे थे। आसपास जानकारी की गई तो पता चला कि विद्यालय आज खुला ही नहीं है। यानी कुल मिलाकर यहां के शिक्षकों को ना तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का डर था और ना ही जिले के अलग अधिकारियों का। शायद तभी तो सरकार की लाख कोशिशें के बाद भी आज विद्यालय नहीं खोला गया।
विकासखंड देवा के उच्च प्राथमिक विद्यालय मुस्तफाबाद देशी में प्रधान प्रतिनिधि झाड़ू लगता दिखा। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील पर वह पूरे गांव में स्वच्छता पखवाड़ा मनाते हुए साफ सफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में वह विद्यालय में भी साफ सफाई करने आए थे। लेकिन विद्यालय में कोई शिक्षक और बच्चे नहीं आए। उन्होंने बताया कि यहां के शिक्षकों का स्टाफ काफी कम ही स्कूल आता है। और जब इनकी शिकायत की जाती है तो या लड़ने को तैयार हो जाते हैं। प्रधान प्रतिनिधि के मुताबिक जब शिक्षक ही अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक नहीं रहेंगे तो वह बच्चों और आप जनता को कैसे जागरूक करेंगे।
सबसे आखिर में विकासखंड मसौली के प्राथमिक विद्यालय मदारपुर की। जहां भी स्वच्छता पखवाड़ा मनाने कोई नहीं आया था। विद्यालय का पूरा शिक्षकों का स्टाफ नदारद मिला। यहां ना तो कोई शिक्षक था, ना विद्यालय के रसोईयां और ना ही कोई सफाई कर्मी। ऐसे में बच्चे भला स्कूल आ भी जाते तो क्या करते। क्योंकि बच्चों को स्वच्छता पखवाड़ा मनाने के लिए शिक्षक ही स्कूल से गायब थे। जबकि मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक विद्यालय में शिक्षकों को बच्चों के साथ मिलकर स्वच्छता पखवाड़ा मानना था और प्रभात फेरी निकाल कर लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना था। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।