Barabanki: लाखों रुपए खर्च कर बना आंगनबाड़ी केंद्र, पर एक भी दिन नजर नहीं आए नौनिहाल

Barabanki: प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया आंगनबाड़ी केंद्र पर ग्रामीणों ने अवैध रूप से कब्जा कर उसे अपना आवास बना लिया है।

Report :  Sarfaraz Warsi
Update: 2023-11-28 11:51 GMT

बाराबंकी में लाखों रुपए खर्च कर बने आंगनबाड़ी केंद्र पर ग्रामीणों का कब्जा (न्यूजट्रैक)

Barabanki News: प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। लाखों रुपए खर्च कर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन वहीं स्थानीय अधिकारियों और ग्राम प्रधान की लापरवाही के चलते लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया आंगनबाड़ी केंद्र पर ग्रामीणों ने अवैध रूप से कब्जा कर उसे अपना आवास बना लिया है। सालों से आंगनबाड़ी केंद्र पर ग्रामीणों का कब्जा है और आंगनबाड़ी केंद्र आज भी संचालित नहीं हो सका है। कोई भी अधिकारी कर्मचारी व ग्राम प्रधान भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसकी वजह से गांव के नौनिहाल बच्चों आंगनबाड़ी की शिक्षा से वंचित हैं। क्योंकि स्थानीय प्रशासन द्वारा इस आंगनबाड़ी केंद्र पर किसी भी कर्मचारी की तैनाती आज तक नहीं की गई।

मामला बाराबंकी जिले के विकासखंड निंदूरा की ग्राम पंचायत मल्लावा में बने आंगनबाड़ी केंद्र रोशनपुर का है। यह आंगनबाड़ी केंद्र आज से करीब 5 वर्ष पूर्व लाखों रुपए खर्च कर गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए बनाया गया था लेकिन स्थानीय प्रशासन के उदासीनता के चलते इस आंगनबाड़ी केंद्र पर किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई। जिसके बाद फिर क्या था गांव के कुछ ग्रामीणों ने इस पर धीरे-धीरे अवैध रूप से कब्जा करना शुरू कर दिया। अब तो आलम यह है कि आंगनबाड़ी केंद्र में लोग अपना घर बनाकर रहने लगे हैं और अपने रोजमर्रा के सामान भी रखे हुए हैं। आंगनबाड़ी परिसर को खलिहान में तब्दील कर दिया है। यह आंगनबाड़ी केंद्र महज नाम का आंगनबाड़ी केंद्र रह गया है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस आंगनवाड़ी केंद्र के बनने के बाद से आज तक किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का आना-जाना नहीं हुआ है। इसलिए उन्होंने इस पर कब्जा कर रखा है क्योंकि उनका खुद का आवास में इतनी जगह नहीं थी कि वह रह सके इसलिए उन्होंने देखा कि आंगनबाड़ी केंद्र सालों से खाली पड़ा हुआ है तो उन्होंने इसे अपना आवास बना लिया। उनका कहना है कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी या बच्चे यहां पढ़ने आएंगे तो वह आंगनवाड़ी केंद्र को खाली कर देंगे।

वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण ग्राम प्रधान अनवर जहां पर भी आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान की लापरवाही के चलते इस आंगनवाड़ी केंद्र पर ग्रामीणों का कब्जा है क्योंकि अगर ग्राम प्रधान प्रयास करते तो इस आंगनवाड़ी केंद्र को संचालित किया जा सकता था लेकिन ग्राम प्रधान ने भी पूरी तरह से लापरवाही बरती है। इसलिए इस आंगनवाड़ी केंद्र पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। अब देखना यह होगा कि आखिर 7 लाख रुपये की लागत से बना आंगनबाड़ी केंद्र कब संचालित होता है और स्थानीय प्रशासन इसे अवैध कब्जे से कब खाली कर पाता है ?

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