Bareilly News: पांचवी तक की मान्यता वाले स्कूलों मे इंटर के बच्चे कर रहे पढ़ाई, सात स्कूलों पर FIR दर्ज

Bareilly News: खंड शिक्षा अधिकारी शीतल श्रीवास्तव ने बताया कि कई दिनों से उनको शिकायत मिल रही थी कि उनके क्षेत्र मे पांचवीं तक की मान्यता प्राप्त स्कूलों में 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।

Report :  Sunny Goswami
Update: 2023-12-17 09:01 GMT

प्रतीकात्मक तस्वीर (सोशल मीडिया)

Bareilly News: बरेली जिले मे पाँचवी तक के मान्यता प्राप्त स्कूलों मे हाईस्कूल से लेकर इंटर तक की पढ़ाई करायी जा रही है। ताज़ा मामला विकास खंड मझगवां से सामने आया है जहाँ स्कूल में पांचवीं की मान्यता पर इंटरमीडिएट के छात्रों को पढ़ाने वाले सात स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर खंड शिक्षा अधिकारी शीतल श्रीवास्तव ने अलीगंज थाने में दर्ज कराई है। पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।

इन स्कूलों के पास नहीं थी 12वीं की मान्यता

खंड शिक्षा अधिकारी शीतल श्रीवास्तव ने बताया कि कई दिनों से उनको शिकायत मिल रही थी कि उनके क्षेत्र मे पांचवीं तक की मान्यता प्राप्त स्कूलों में 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। इस मामले में जांच बैठायी गई। जांच में सामने आया कि रामकृष्ण परमहंस विद्यालय गुगुलपुर में पांचवी तक की मान्यता लेकर 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। रघुबीर प्रसाद उपाध्याय स्मारक शिक्षण संस्थान अनिरुद्धपुर में भी पांचवों तक की मान्यता थी, लेकिन 12वीं तक को पढ़ाई कराई जा रही थी। एकता आदर्श समाज स्कूल बीबनी में भी 12वीं के बच्चे पढ़ते मिले। एसपी सिंह सरस्वती विद्यामंदिर के पास कोई मान्यता ही नहीं थी। टालोक विद्या स्कूल परा, सरस्वती ज्ञान मंदिर शिव मंदिर बरा सिरसा, सरस्वती विद्या मंदिर समानंद आवास डीएस राजपुर के पास भी 12वीं तक की मान्यता नहीं थी।

बिना मान्यता चल रहे स्कूलों की खंगाली जा रही कुंडली

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जांच के बाद कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि बिना मान्यता चल रहे या मान्यता से अधिक की कक्षाएं चलाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई जारी रहेगी। अधिकारियो के कहने के बाद भी जिले मे सैकड़ो स्कूलों मे मान्यता से ज्यादा कक्षा की पढ़ाई करायी जा रही है कुछ विद्यालय तो देहात क्षेत्र के ऐसे है जहाँ बिना किसी मान्यता के ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है अब देखने वाली बात है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेशों का कितना पालन होता है। 

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