पढ़ाना छोड़ रंगोली सजाएंगे टीचर्स, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का तुगलकी फरमान

बरेली जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का एक आदेश पत्र सामने आया है। इस पत्र में 15 शिक्षकों के नामों की सूची है। इन शिक्षकाओं की ड्यूटी आगामी आठ मार्च को बार्ली एयरपोर्ट पर लगाई गयी हैं।

Update: 2021-03-06 05:01 GMT

बरेली: शिक्षकों का काम ज्ञान देना, छात्रों को शिक्षा देना है लेकिन प्रशासन समय समय पर उनसे ऐसे काम करवाता है, जो न तो उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा हैं और न ही वे ऐसे कामों के प्रति जिम्मेदार है। ताजा मामला बरेली से सामने आया है, जहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक तुगलकी फरमान जारी किया है। उनके आदेश के मुताबिक, आठ मार्च को बरेली एयरपोर्ट पर पहली उड़ान शुरू होगी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शामिल होना है। इस बाबत एयरपोर्ट पर शिक्षकों की ड्यूटी रंगोली बनाने में लगा दी गयी है। कार्यक्रम के मद्देनजर उन्हे सुबह 4 बजे उपस्थित होने को कहा गया है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का तुगलकी फरमान

दरअसल, बरेली जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का एक आदेश पत्र सामने आया है। इस पत्र में 15 शिक्षकों के नामों की सूची है। इन शिक्षकाओं की ड्यूटी आगामी आठ मार्च को बार्ली एयरपोर्ट पर लगाई गयी हैं। इन्हे सुबह 4 बजे एयरपोर्ट पर उपस्थित होने को कहा गया है। आदेश पत्र में लिखा गया कि 8 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बरेली आगमन है।

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बरेली एयरपोर्ट पर शिक्षको की रंगोली बनाने की लगाई ड्यूटी

बता दें कि बरेली एयरपोर्ट से पहली उड़ान उसी दिन शुरू होनी है। घोषित कार्यक्रम के मुताबिक आगामी सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बरेली से पहली बार यात्री विमान उड़ान भरेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बरेली आने वाले हैं। ऐसे में सीएम के कार्यक्रम को देखते हुए एयरपोर्ट पर मंच सज्जा और रंगोली बनाने का काम सरकारी टीचर्स को दिया गया है।

सीएम का बरेली आगमन, सुबह 4 बजे से ही टीचर्स रहेंगे मौजूद

शिक्षकों को सुबह 4 बजे से ही वहां मौजूद रहना होगा। साथ ही आदेश पत्र में लापरवाही बर्दास्त न की जाने की भी बात कहीं गई।

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साज सज्जा के काम के लिए प्रोफेशनल लोगों की नियुक्ति क्यो नहीं

सवाल ये बन रहा है कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है या साज सज्जा करना। आम परिवारों में भी शादी समारोह आदि में घर वाले साज सज्जा नहीं करते, उसके लिए भी प्रोफेशन लोगों को लगाया जाता है। उचित कीमत देकर उनसे समारोह की डेकोरेशन कराई जाती है , तो फिर सरकारी कामों में ऐसा क्यों नहीं किया जाता।

तय किया जाए शिक्षकों का सही काम

डेकोरेशन, रंगोली निर्माण या अन्य किसी भी काम के लिए उससे संबंधित लोगों को लगाने के बचाये शिक्षको से इस तरह का काम कराना कितना उचित हैं। बहरहाल बरेली जिला शिक्षा अधिकारी का ये तुगलकी फरमान चर्चा का मुद्दा बन गया है। देखना ये हैं कि क्या सरकार ऐसे फरमानों पर कोई कार्रवाई करती है। या शिक्षक इसी तरह अन्य कामों में तैनात किये जाते रहेंगे।

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