बस्ती: किसान यूनियन ने कृषि बिल वापस लेने की मांग पर डीएम को दिया ज्ञापन

कृषि कानून को लेकर बस्ती जिले में किसान यूनियन के नेताओं ने कलक्ट्रेट पहुंच कर पीएम के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा। किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष दीवान चंद चौधरी समेत 11 किसान नेताओं ने डीएम को ज्ञापन दिया।

Update:2021-02-06 20:29 IST
दीवान चंद चौधरी समेत 11 किसान नेताओं ने डीएम को ज्ञापन दिया। किसानों ने ज्ञापन के जरिये मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।

बस्ती: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने देशभर में शनिवार को चक्का जाम किया। किसानों के इस चक्का जाम को विपक्ष पार्टियों ने समर्थन दिया था। हालांकि दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में किसानों ने चक्का जाम नहीं किया था।

कृषि कानून को लेकर बस्ती जिले में किसान यूनियन के नेताओं ने कलक्ट्रेट पहुंच कर पीएम के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा। किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष दीवान चंद चौधरी समेत 11 किसान नेताओं ने डीएम को ज्ञापन दिया। किसानों ने ज्ञापन के जरिये मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।

इसके साथ ही किसानों ने मांग की कि फसलों के समर्थन मूल्य तय किये जायें और एमएसपी पर कानून बनाया जाए। इन सभी का लाभ देश के किसानों को मिले। किसानों की मांग है कि सिंचाई के लिए जिस तरह अन्य प्रदेशों में बिजली फ्री मिलती है, उसी प्रकार यूपी के किसानों को भी बिजली फ्री दी जाए।

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किसानों का कहना है कि गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ भुगतान बकाया है, उसका ब्याज समेत भुगतान कराया जाए। 4 सालों में एक रुपये भी गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 70 लाख गन्ना किसानों ने मन बनाया है कि सरकार के लोग जो किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं वो नहीं चलेगा।

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किसान नेता दीवान चंद ने कहा कि किसान शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के लोगों ने मिल कर जिस तरह से लाल किले पर घटना करवाया उस को देखते हुए यूपी और उत्तराखंड में सड़क जाम करने का कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया गया। आदेश था कि ये लोग गाड़ी का शीशा तोड़ कर पुलिस पर पत्थर फेंक कर आंदोलन को बदनाम करते इस लिए संगठन ने ये निर्णय लिया कि 11 लोग जा कर ज्ञापन देंगे।

रिपोर्ट: अमृत लाल

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