Basti: युवक का कमाल, एक ही गाने में 20 भाषाओं का इस्तेमाल कर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम
Basti News: बस्ती के युवक की उपलब्धि के लिए मंगलवार को जिलाधिकारी सौम्य अग्रवाल ने एक छोटे से समारोह में आर्यांश को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।।;
युवक ने किया कमाल (फोटो: सोशल मीडिया )
Basti News: बस्ती के एक युवा ने ना केवल अपने जनपद बल्कि समूचे देश का नाम रोशन किया है। बस्ती के इस लाल का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (Asia Book of Records) में दर्ज हुआ है। बता दें कि अर्यांश अरोरा बीकॉम द्वितीय वर्ष का छात्र है। उसने एक ही गाने में 20 भाषाओं का इस्तेमाल कर अपना नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया है। उसकी इस उपलब्धि के लिए मंगलवार को जिलाधिकारी सौम्य अग्रवाल ने एक छोटे से समारोह में आर्यांश को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर एडीएम अभय मिश्रा, सीआरओ अनीता यादव, उपस्थित रहे।
जानकारी के अनुसार अर्यांश अरोरा जिले की पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का निवासी है। उसे बचपन से कविताएं पढ़ने और लिखने में ज्यादा रुचि थी। अर्यांश को 20 भाषाओं का ज्ञान है। अर्यांश ने अपने नए रैप सांग 'लाइफ' में 20 भाषाओं का प्रयोग किया है।
अर्यांश की पढ़ाई लिखाई बस्ती जिले में ही हुई है। अर्यांश की मां ने बताया कि उनका बेटा दो किताबें भी लिख चुका है। बचपन से ही उसको पढ़ाई के साथ- साथ कविता पढ़ने में बहुत रूचि थी। वहीँ अर्यांश के पिता ने बताया कि बच्चे की पढ़ाई के साथ इसने जो भी इच्छाएं प्रकट की उसको हमलोगो ने पूरा करने का हर संभव प्रयास किया।
एक गाने में 20 भाषाओं का इस्तेमाल कर बनाया रिकार्ड
अर्यांश ने एक गाने में 20 भाषाओं का प्रयोग किया गया है। जिसमें हिंदी, इंग्लिश, पंजाबी , उर्दू, मराठी, हरयाणवी, तमिल, गुजराती, नेपाली , बांग्ला, इतालियन, रोमानियन, फ्रेंच, जर्मन, पुर्तगाली, स्पेनिश, लैटिन, डच, स्वीडिश औऱ इन्डोनेशियाई सम्मिलित है।
अर्यांश ने बताया की ये गाना उन्होंने लखनऊ में बनवाया। जहां पर उनकी सहायता रोहन शुक्ला ने की। गाना लिखा और गाया आर्यान्श ने है और संगीत रोहन शुक्ला ने दिया है। इस गाने को रिकॉर्ड करने से लेकर उसके आने में और लॉन्च हो कर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड आने में 14 महीने लगे। ये गाना जिओ सावन और इसके जैसे और कई ऐप्प पर उपलब्ध है।
इससे पहले भी किये कई कारनामे
इसके अतिरिक्त आर्यांश ने बताया कि 2019 में उन्हें अपनी कविताओं को किताबों मे छपवाने का मौका मिला। लोकप्रियता के चलते कुछ ही समय में अनकी कविताओं को कई किताबों में प्रकाशित किया गया, जैसे वॉयज, सर्विवल, सिंदूर आदि और 2020 में उन्होने अपने नाम पर तीन किताबें--किस की सुने, ही एंड शी एवम् ट्रुथ--छपवायी। इसके पूर्व आर्यांश को कई बड़े पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
कविताओं के अलावा आर्यांश गाने में भी रुचि रखते है और उनके गाने यू ट्यूब पे आते रहते है जो लोकप्रिय होते जा रहे है। आर्यांश ने अपनी सफलता श्रेय पिता अतुल अरोरा, माता नीतू को दिया है, जिन्होंने इस सफर में उनका साथ दिया और हौसला बुलंद रखा।