BBAU : पहचान के साथ कर्तव्यों का बोध कराती है सेना की वर्दीः आचार्य संजय
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि BBAU के कुलपति आचार्य संजय सिंह, विशिष्ट अतिथि शिशिर दीक्षित, डायरेक्टर, सेंचुरियन डिफेंस अकादमी, प्रो. बी. एस. भदौरिया, प्रो. प्रीति सक्सेना, डॉ. प्रीति मिश्रा, डॉ. शशि कुमार, डॉ. मनोज डडवाल समारोह में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर राजश्री ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
लखनऊः बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर BBAU केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि सेना की वर्दी के साथ जो आत्मविश्वास आता है, वह अभूतपूर्व है। यह वर्दी हमें अलग पहचान देने के साथ-साथ हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराती है, मगर इसे हासिल करने के लिए हर व्यक्ति को कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है।
कुलपति बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर BBAU केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ और सेंचूरियन डिफेन्स अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित "डिफेन्स अवेयरनेस एंड एसएसबी ओरिएंटेशन" कार्यशाला समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, जो भी विद्यार्थी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले अपनी दिनचर्या में बदलाव करना होगा। इसके साथ ही योग करने और अनुशासन में रहने की सलाह भी उन्होंने विद्यार्थियों को दी।
कार्यशाला आयोजकों को उन्होंने कार्यशाला में योग को शामिल करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से अधिक से अधिक विद्यार्थी फौज में जाएं ऐसा प्रयास होना चाहिए। देश सेवा का जज्बा सराहनीय है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि BBAU के कुलपति आचार्य संजय सिंह, विशिष्ट अतिथि शिशिर दीक्षित, डायरेक्टर, सेंचुरियन डिफेंस अकादमी, प्रो. बी. एस. भदौरिया, प्रो. प्रीति सक्सेना, डॉ. प्रीति मिश्रा, डॉ. शशि कुमार, डॉ. मनोज डडवाल समारोह में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर राजश्री ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
क्या हुआ दस दिनी कार्यशाला में
शिशिर दीक्षित ने इस 10 दिवसीय कार्यशाला में हुई विभिन्न गतिविधियों के बारे में संक्षेप में बताया । कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को एसएसबी साक्षात्कार के समय आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार किया गया। कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों में सेना के अधिकारियों वाली खूबियों को निखारने का प्रयास किया गया।
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उन्होंने बताया कि सेना में अभी भी लगभग 16000 जगहें खाली हैं मगर उसमें भर्ती होने की काबिलियत रखने वाले लोगों की कमी है जिसके कारण रिक्त पदों पर भर्तियां नहीं की जा सकी हैं। हमारा प्रयास है कि इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से हम विद्यार्थियों में सेना का अधिकारी बनने की काबिलियत विकसित कर सकें ताकि हमारे विद्यार्थी भी देश की सेवा में अपना योगदान दे सकें।
इन लोगों ने दी जानकारी
इस कार्यशाला में शिशिर दीक्षित समेत कर्नल प्रमोद कुमार, वायु सेना में प्रथम महिला ऑफीसर मेजर नसरीन फातिमा, आदित्य दुबे और ई. अहमद द्वारा प्रतिभागियों को पांच चरणों मे होने वाले एसएसबी साक्षात्कार के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
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कार्यशाला के प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए जिसके बाद कुलपति और शिशिर दीक्षित द्वारा प्रमाणपत्र दिए गए।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. राजश्री द्वारा सभी अतिथियों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और प्रतिभागियों समेत सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी के विद्यार्थी भी कार्यक्रम में शामिल रहे।