कानपुर: कौवा की मौत से प्राणी उद्यान में बर्ड फ्लू की पुष्टि, उठाए गए ये कदम
प्राणी उद्यान प्रशासन ने प्राणी उद्यान के अंदर मृत मिले कौवा और मिट्टी के साथ-साथ कुछ जगहों के पानी के नमूने जांच के लिए प्राणी उद्यान ने भोपाल रिसर्च सेंटर भेजा गया था
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर के प्राणी उद्यान में 5 जनवरी को 2 मुर्गी और 2 तोते की मौत बर्ड फ्लू के कारण होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद प्राणी उद्यान में सतर्कता बरतते हुए दर्शकों के लिए प्राणी उद्यान के अंदर आने पर रोक लगा दी थी और बर्ड फ्लू प्रोटोकॉल क तहत दवाइयों के छिड़काव से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं करने में जुट गए थे इसके बाद भी प्राणी उद्यान के अंदर 2 कौवा मृत मिले थे।
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जिसके बाद प्राणी उद्यान प्रशासन ने प्राणी उद्यान के अंदर मृत मिले कौवा और मिट्टी के साथ-साथ कुछ जगहों के पानी के नमूने जांच के लिए प्राणी उद्यान ने भोपाल रिसर्च सेंटर भेजा गया था जहां से बुधवार की दोपहर मिली रिपोर्ट में मृत मिले कौवा की मौत का कारण बर्ड फ्लू बताया गया है और वही झील के पानी में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है जिसके बाद प्राणी उद्यान प्रशासन में पूरे प्राणी उद्यान में दवाई छिड़काव के साथ झील के पानी की सफाई का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
3 दिन पहले मिले थे मृत कौवा -
प्राणि उद्यान में मृत हुए पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद जहां प्राणी उद्यान साफ-सफाई व दवाई छिड़काव के कार्य को कर रहा था तभी उसी दौरान स्वच्छंद विचरण करने वाले दो कौवे 3 दिन पहले प्राणी उद्यान के अंदर मृत पाये गये थे। जिसकी जानकारी होने के बाद प्राणी उद्यान प्रशासन ने दोनों कौवे के कारकस एवं एकत्र किये गये पानी व मिट्टी के नमूने परीक्षण के लिए नेशनल इंन्सीटीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनीमल डिसीज,आनन्द नगर,भोपाल भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट बुधवार दोपहर प्राणी उद्यान को मिल गई है और जिस में मृत कौवों एवं (अलग अलग भेजे गये पानी के नमूनों की एक साथ) पूल्ड रिपोर्ट में बर्ड फ्लू (इन्फ्लुएन्जा) की पुष्टि हुई है तो वही प्राणी उद्यान के अंदर की मिट्टी के नमूने निगेटिव पाये गये हैं।
क्या बोले अधिकारी -
कानपुर चिड़ियाघर के पांड्स में मिला बर्ड फ्लू, मृत कौओं को न छूने की सलाह
कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक सुनील चौधरी ने बताया कि चिड़ियाघर के बाड़ों में जो पानी के छोटे -छोटे तालाब हैं उनके पानी में बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। चिड़ियाघर को पूरी तरह बंद रखा गया है। आने वाले कुछ दिनों तक यह सावधानी बरती जाएगी। चिड़ियाघर में ही इस वायरस को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने लोगों से कहा है कि चिडिय़ाघर के आस- पास लगभग छह किमी की दूरी में अगर कहीं कोई कौआ या कोई पक्षी मरा हुआ मिले तो उसे कतई न छुएं। इसकी तत्काल सूचना सरकारी अधिकारियों को दी जाए। हर जिले में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं वहां भी इसकी सूचना दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों को चिकन व अंडे का इस्तेमाल करने में सावधान रहने की जरूरत है। 70 डिग्री सेल्सियत पर उबाले गए अंडे व चिकन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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पालतू पक्षियों के साथ बरतें सावधानी
चिड़ियाघर के निदेशक के अनुसार पालतू पक्षियों को लेकर भी सावधान रहने की जरूरत है। बर्ड फ्लू हालांकि चिड़िया से चिड़िया में फैलता है लेकिन कई बार जहां कोई संक्रमित चिड़िया आकर बैठी थी वहां दुसरी चिड़िया के आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। ऐसे में अगर पालतू पक्षी है तो ध्यान रखें कि उसकी बीट में कोई परिवर्तन तो नहीं है। ज्यादा पतली बीट, छिटकी हुई बीट होने पर तुरंत चिकित्सकों और कंट्रोल रूम में सूचना दें। ऐसे पक्षी को हाथ से न छुआ जाए।
रिपोर्ट- अवनीश कुमार
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