बीजेपी ने वंशवाद, परिवारवाद को लेकर कह दी ये बड़ी बात
भारतीय जनता पार्टी ने बसपा-सपा गठबंधन को लेकर पहले ही कहा था कि यह अवसर परस्त महज चुनावी गठबंधन है। बहन मायावती ने दलितों के नाम पर वोट लेकर दलितों को ही हाशिये पर रखा वो अपने परिवार के सिवा और किसी की कैसे हो सकती हैं?
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने बसपा-सपा गठबंधन को लेकर पहले ही कहा था कि यह अवसर परस्त महज चुनावी गठबंधन है। बहन मायावती ने दलितों के नाम पर वोट लेकर दलितों को ही हाशिये पर रखा वो अपने परिवार के सिवा और किसी की कैसे हो सकती हैं?
भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद को समाजवाद कहने वाले अखिलेश यादव को स्वार्थपरकता व अवसरवादी राजनीति के लिये बहन जी से हाथ मिलाने से पूर्व सौ बार सोचना चाहिए था कि जिस भाजपा ने मायावती की जान व सम्मान बचाई, जिसे रजनीति में स्थापित करते हुये मुख्यमंत्री बनाया, जब वो उसकी नहीं हुयीं तो कुनबे की राजनीति करने वाले सपा की भी नहीं होंगी।
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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जैसी करनी होती है, वैसी ही भरनी होती है। सत्ता के लिये अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह जी और चाचा शिवपाल को धोखा दिया था और इसकी सजा उन्हें मायावती जी से विश्वासघात से मिली। उन्होंने कहा कि मायावती और अखिलेश की कार्यशैली एक है। दोनों को परिवारवाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार की सत्ता चाहिए। इसलिए इन दोनों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप हास्यास्प्रद है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह कहती रही है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के तुरंत बाद मायावती गठबंधन तोड़ देंगी।
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श्रीवास्तव ने कहा कि बसपा को अपने भाई और भतीजे के साथ फैमिली कंपनी बनाने वाली मायावती ने दलितों का वोट लेकर दलितों को बर्बाद करने में कसर नहीं छोड़ी। बंगाल, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्चायार बढ़ गये हैं, लेकिन मायावती उन दलितों के लिये आवाज नहीं उठाती हैं, क्योंकि उन्हें दलित हित से कोई लेनाकृदेना नहीं है। उन्हें केवल भाजपाशासित राज्यों में झूठे आरोप लगाकर अपनी राजनीति चमकानी है।
उन्होंने कहा कि मायावती डरी हुयी हैं कि केंद्र में नरेंद्र मोदी जी की सरकार और राज्य में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार आने के बाद दलितों के उत्थान-कल्याण और आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही राजनैतिक भागीदारी मिल रही है। एससी एक्ट को मजबूत करना हो अथवा मुद्रा बैंक योजना के माध्यम से दलितों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना हो या फिर प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला रसोई, सौभाग्य बिजली कनेक्शन हो, सभी योजनाओं का लाभ दलितों तक सीधा पहुंचाया गया है। दलितों में दलित समुदाय बहन जी के छल-कपट को समझ चुका है और उसका बसपा से मोहभंग हो चुका है।