यूपी विधान परिषद चुनाव: होगी कांटे की टक्कर, भाजपा ताकत बढ़ाने को तैयार

2014 में स्नातक कोटे की पांच सीटों में आगरा सपा, वाराणसी व इलाहाबाद-झांसी भाजपा, मेरठ शिक्षक संघ शर्मा गुट और लखनऊ निर्दलीय के कब्जे में रही थी।

Update: 2020-11-19 05:18 GMT
यूपी विधान परिषद चुनाव: होगी कांटे की टक्कर, भाजपा ताकत बढ़ाने को तैयार (Photo by social media)

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: यूपी विधान परिषद चुनाव की 11 सीटों पर हो रहेचुनाव को लेकर मुख्य तौर पर भाजपा और समाजवादी पार्टी का मुकाबला होना है। हांलाकि इस चुनाव में विधायकों की संख्या अधिक होने का लाभ भाजपा को मिलना तय है पर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी इसमें सेंध लगाने को तैयार है। विधान परिषद की इन सभी सीटों पर एक दिसम्बर को मतदान होगा तथा मतगणना का काम 3 दिसम्बर को होगा। अब तक विधान परिषद की 11 सीटों में से छह शिक्षक तथा पांच स्नातक कोटे से हैं। इनमें से दो भाजपा, दो सपा, चार शिक्षक संघ शर्मा गुट तथा तीन अन्य के कब्जे में थीं।

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2014 में स्नातक कोटे की पांच सीटों में आगरा सपा, वाराणसी व इलाहाबाद-झांसी भाजपा, मेरठ शिक्षक संघ शर्मा गुट और लखनऊ निर्दलीय के कब्जे में रही थी। भारतीय जनता पार्टी के लिए विधान परिषद की 11 सीटों(स्नातक व शिक्षक क्षेत्र) पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती है। उसे लग रहा है कि इस चुनाव के बहाने वह उच्च सदन में अपनी ताकत कोऔर बढ़ा सकती है। जिन विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें डा असीम यादव, संजय कुमार मिश्र, केदारनाथ सिंह, डॉ. यज्ञदत्त शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, जगवीर किशोर जैन, कुमार त्रिपाठी, हेमसिंह पुण्डीर, चेतनारायण सिंह,उमेश द्विवेदी, तथा कांति सिंह के नाम शामिल है।

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शिक्षक संघों को अपने पक्ष में करने पर भाजपा का जोर है

इन विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल गत 6 मई को खत्म हो चुका है। शिक्षक संघों को अपने पक्ष में करने पर भाजपा का जोर है। शिक्षक संघ के उमेश द्विवेदी पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वित्तविहीन संघ के उमेश द्विवेदी को लखनऊ शिक्षक क्षेत्र से उम्मीदवार बनाकर बाजी अपने हक में रखने को दांव चला है। इसीलिए भाजपा ने अब मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क का सिलसिला शुरू करने का फैसला किया है। स्थानीय विधायकों व मंत्रियों को भी मैदानमें उतारने की तैयारी की है।

मंत्री के अलावा प्रभारी मंत्रियों को भी लगाने की योजना बनी है

इसमें उस क्षेत्र में भाजपा विधायक, मंत्री के अलावा प्रभारी मंत्रियों को भी लगाने की योजना बनी है। भाजपा ने लखनऊ स्नातक व शिक्षक सीट पर पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सौंप चुकी है। उनकी अगुवाई में बनाई गई टीम में विधायक बंबालाल दिवाकर, डा. नीरज बोरा की टीम बनी है जिसमें लखनऊ कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष दिनेश तिवारी भी शामिल हैं। वाराणसी की टीममें मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल, विधायक भूपेश चौबे , लक्ष्मण आचार्य के अलावा रामप्रकाश दुबे हैं।

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आगरा शिक्षक सीट की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और विधायक अनिल पराशर की है। आगरा स्नातक सीट की जिम्मेदारी विधायक रामप्रताप चैहान को प्रयागराज-झांसी सीट की जिम्मेदारी एमएलसी अरुण पाठक व प्रदेश मंत्री अशोक जाटव को, बरेली-मुरादाबाद सीट की जिम्मेदारी विधायक रितेश गुप्त,एमएलसी जयपाल व्यस्त के साथ गोपाल अंजान और ब्रज बहादुर उपाध्याय को, मेरठ शिक्षक सीट की जिम्मेदारी विधायक संजय शर्मा के साथ अनिल अग्रवाल व अमित अग्रवाल को सौंपी गई है। मेरठ स्नातक सीट पर फिलहाल बृजेश सिंह के साथ विमल शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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