Board Exam : देश की सबसे बड़ी परीक्षा के सबसे कड़े इंतजाम

Update:2020-02-21 12:58 IST

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। दुनिया के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड के इतिहास में यह पहला मौका है जब यूपी बोर्ड इतने पारदर्शी और शुचितापूर्ण ढंग से परीक्षा करा रहा है। योगी सरकार आने के बाद बराबर इस बात के प्रयास किए जाते रहे हैं कि यूपी बोर्ड परीक्षा की खोई प्रतिष्ठा को कैसे फिर से हासिल किया जाए।

यही कारण है कि प्रदेश के डिप्टी सीएम और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा.दिनेश शर्मा पिछले एक महीने से अधिक समय से इस परीक्षा को उसके पुराने गरिमापूर्ण दिन वापस लाने के लिए कठिन परिश्रम करते रहे हैं।

लाइव मानीटरिंग की व्यवस्था

इस बार की बोर्ड परीक्षा में इतने कड़े बंदोबस्त किए गए हैं कि नकल की संभावना नहीं के बराबर रह गई है। यूपी बोर्ड परीक्षा में पहली बार एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस कंट्रोल रूम से किसी भी जिले के किसी भी परीक्षा केंद्र का नंबर दबाते ही वेबकास्टिंग के जरिए परीक्षा का सीधा प्रसारण देखा जा सकता है। बोर्ड परीक्षा को शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन कराने के लिए राज्य व हर जिले के स्तर कंट्रोल एवं मानीटरिंग सेंटर की स्थापना की गयी है। राज्यस्तरीय कंट्रोल एवं मानीटरिंग सेंटर में 60 कम्प्यूटर आपरेटर तैनात किए गए हैं जिनके जरिये प्रदेश के परीक्षा केन्द्रों एवं जनपदस्तरीय कंट्रोल एवं मानीटरिंग सेंटर की लाइव मॉनीटरिंग की व्यवस्था है।

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स्पेशल बसों की व्यवस्था

यूपी बोर्ड परीक्षा में पहली बार वेबकास्टिंग से निगरानी की जा रही है। इसके लिए जिलों में कंट्रोल रूम और स्टेट कंट्रोल रूम में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन राउटर लगाए गए हैं। विद्यार्थियों को परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए बोर्ड परीक्षा स्पेशल बसों की व्यवस्था भी की गयी है। साथ ही परीक्षार्थियों एवं जनसामान्य की सुविधा एवं व्यापक हितों को दृष्टिगत रखते हुए उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए ट्विटर हैन्डल भी प्रारम्भ किया गया है।

 

शिकायतों पर 24 घंटे में एक्शन

सुबह बजे से सायं सात बजे की अवधि में हर 2 घंटे पर ई-मेल चेक करने की व्यवस्था की गई है। प्राप्त शिकायतों पर 24 घंटे में एक्शन लेकर संबंधित को उत्तर भेजा जाएगा। इसी प्रकार जनपद स्तरीय कंट्रोल एवं मानीटरिंग सेंटर से सभी परीक्षा केंद्रों की लाइव मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गयी है। नकल पर रोक लगाने के लिए प्रश्नपत्रों को खोलने की कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगी तथा संकलन केन्द्रों एवं स्ट्रांग रूम पर 24 घंटे निगरानी के लिए सशस्त्र बल एवं सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की गयी है।

एडमिट कार्ड व मार्कशीट में बदलाव

बोर्ड ने इस बार यह बदलाव भी किया है कि छात्रों के एडमिट कार्ड में उनके माता-पिता का नाम हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी में भी दिया जाएगा। इससे पहले अभिभावकों के नाम सिर्फ हिन्दी में ही लिखे जाते थे। साथ ही इस साल की मार्कशीट में भी बदलाव किया गया है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा परणिाम की मार्कशीट में भी पूरा विवरण हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगा।

क्रमांकित उत्तरपुस्तिकाओं की व्यवस्था

परीक्षा केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में और आवश्यकता पडऩे पर उसके बाहर भी समाज विरोधी तत्वों अथवा वाह्य व्यक्तियों को एकत्र न होने देने के लिए जिला प्रशासन को धारा-144 लागू करने सहित अन्य सभी एहतियाती उपाय करने को कहा गया है। वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में उत्तरपुस्तिकाओं के कवर पृष्ठ को बदलने अथवा उत्तरपुस्तिकाओं को बदलने की संभावनाओं आदि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए क्रमांकित उत्तरपुस्तिकाओं की व्यवस्था की गयी है। इस वर्ष पहली बार चार रंगों में उत्तरपुस्तिकाएं प्रयोग में लाई जा रही है। इसी प्रकार संवेदनशील जिलों में सिली हुई उत्तरपुस्तिकाएं भी उपयोग की जाएंगी।

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1.91 लाख सीसीटीवी कैमरे लगे

यूपी बोर्ड की परीक्षा में छात्र-छात्राओं को हर पन्ने पर उत्तरपुस्तिका का क्रमांक और अपना रोल नंबर लिखना होगा। बोर्ड ने 2019 की परीक्षा से यह व्यवस्था लागू की थी। हाईस्कूल और इंटर दोनों परीक्षाओं की ए और बी प्रकार की चारों कॉपियों में अलग-अलग रंग की लाइन छपवाई गई है ताकि हेरफेर न हो सके। नकल पर लगाम लगाने के लिए इस बार 1.91 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। ये सभी कैमरे वायस रिकॉर्डर से युक्त होने के साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ स्थित राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम से जोड़े गए हैं।

गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की चाहत

प्रदेश सरकार की योजना परीक्षा को नकलविहीन कराकर इसे गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में दर्ज कराने की है। सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की परीक्षा केंद्रों को ही करनी होगी। प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि पहली बार पूरी परीक्षा की एक जगह से निगरानी की जा रही है। इस व्यवस्था पर सरकार ने एक भी रुपया खर्च नहीं किया है। हम इस व्यवस्था को गिनीज बुक में दर्ज कराने का प्रयास करेंगे।

93 हजार परीक्षा कक्ष

इस बार की बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर 25 से 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार, परीक्षा कक्षों, गैलरी तथा केंद्र अधीक्षक कक्ष में लगे हैं। 75 जिलों के 7784 परीक्षा केंद्रों पर करीब 93 हजार परीक्षा कक्ष बनाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों को राउटर के जरिए हर जिले में बनाए गए कंट्रोल रूम के साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में बनाए गए स्टेट कंट्रोल रूम से सीधे जोड़ा गया है।

बोर्ड परीक्षार्थियों को सलाह

पहली बार यूपी बोर्ड में परीक्षार्थियों से कहा गया है कि वह नई कॉपी पर लिखने से पहले ओम, 786 या कोई अन्य धार्मिक चिह्न का इस्तेमाल करने से बचें। परीक्षार्थी न तो उत्तरपुस्तिकाओं में कहीं भी अपना नाम लिख सकते हैं और न ही कोई धामिक चिह्न बना सकते हैं। यदि किसी परीक्षार्थी की उत्तरपुस्तिका में इस प्रकार के कोई चिह्न पाए गए तो उन्हें बाहर किया जा सकता है।

कम हुए नकल के मामले

हालांकि पिछले साल भी योगी सरकार ने बेहतर ढंग से परीक्षा कराई थी जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नकल रोकने के लिए किए गए प्रयासों के कारण वर्ष 2018 में नकल के 3233 मामले प्रकाश में आए जबकि वर्ष 2019 में मात्र 1182 मामले ही सामने आए। इसी प्रकार वर्ष 2018 में 12.25 लाख किन्तु वर्ष 2019 में 6.69 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी। वर्ष 2019 में स्क्रूटनी के 2240 तथा मार्कशीट संशोधन के 1745 मामले आए। नकल रोकने की कड़ी व्यवस्था के चलते गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा में 1,69,980 तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा में 18,658 कुल 1,88,638 परीक्षार्थियों की कमी हुई है।

कक्षा-9 व 11 के विद्यार्थियों का आधार नम्बर सहित ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण कराने से व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में पंजीकरण कराने वाले छात्र एवं छात्राओं की संख्या वर्ष 2020 में मात्र 90,331 रह गयी, जबकि 2017 में यह संख्या 3,53,106 थी। इसके तहत दूसरे प्रदेशों से 2017 में पंजीकरण कराने वाले 1,50,209 परीक्षार्थियों के स्थान पर वर्ष 2020 में वाह्य प्रदेशों के परीक्षार्थियों की संख्या मात्र 5946 रह गयी है।

कम अवधि में खत्म होगी परीक्षा

इस बार यूपी बोर्ड की संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षाएं 7,784 परीक्षा केन्द्रों पर एक साथ 18 फरवरी से शुरू हुई हाईस्कूल की परीक्षा कुल 12 दिनों में पूरी होकर आगामी 3 मार्च तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 दिनों में पूरी होकर 6 मार्च को खत्म होंगी। राज्य सरकार का दावा है कि अखिलेश सरकर में बोर्ड परीक्षाओं को पूरा कराने में एक माह से भी अधिक समय लगता था। वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल के 1660738 छात्र तथा 1361869 छात्राएं (कुल 3022607) एवं इंटरमीडिएट के 1463390 छात्र तथा 1121121 छात्राएं (कुल 2584511) हैं। परीक्षा में सम्मिलित हो रहे कुल 5607118 परीक्षार्थियों में से 5516787 संस्थागत एवं 90331 व्यक्तिगत परीक्षार्थी हैं।

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इस तरह बनाए गए परीक्षा केंद्र

इस बार परीक्षा केन्द्र बनाने को लेकर भी नया प्रयोग किया गया। सरकार द्वारा परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण, उनकी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करते हुए साफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन कराया गया। 2017 से पहले 12 हजार से भी अधिक केन्द्र बनते थे, किन्तु ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण व्यवस्था से कम परीक्षा केन्द्र बने। इस वर्ष परीक्षा में 7784 परीक्षा केन्द्र बने हैं। परीक्षा केन्द्रों की संख्या में कमी होने के बावजूद परीक्षा केन्द्रों में राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या पहले से बढ़ी है। किसी कारण से इंटरमीडिएट स्तर पर एक विषय में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों को इस वर्ष से कम्पार्टमेन्ट परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान किया गया है। इसके तहत सम्बन्धित विषय की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर परीक्षार्थी को इंटरमीडिएट स्तर पर उत्तीर्ण घोषित करने की व्यवस्था की गयी है। इंटरमीडिएट स्तर पर दो प्रश्नपत्रों के स्थान पर एकल प्रश्नपत्र लागू किया गया है।

जल्द घोषित होगा रिजल्ट

मूल्यांकन की अवधि भी कम की गयी है ताकि परीक्षा परिणाम जल्द घोषित किये जा सकें। सरकार का मानना है कि जल्द परीक्षा परिणाम आने से परीक्षार्थियों को प्रदेश के बाहर प्रवेश प्रतियोगिताओं में शामिल होने के अवसर मिलते हैं। बताते चलें कि वर्ष 2019 का परीक्षा परिणाम 27 अप्रैल, 2019 को घोषित किया गया था तथा 2020 की बोर्ड परीक्षा का परिणाम 24 अप्रैल को घोषित किया जाना है।

 

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