UP Election 2022: सपा को छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हरिओम यादव, शिकोहाबाद से विधायक हैं हरिओम

UP Election 2022: शिकोहाबाद के भाण्डरी गांव में हुए दो पक्षों के बीच झगड़े में विधायक और उनके पुत्र के खिलाफ दर्ज हुआ था।

Report :  Brajesh Rathore
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-01-12 11:14 GMT

हरिओम यादव की तस्वीर 

UP Election 2022: सैफई परिवार के नजदीक रिश्तेदार सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी मैनपुरी पूर्व सांसद तेजप्रताप सिंह तेजू के नाना हरिओम यादव सैफ़ई परिवार के रिश्तेदार हरिओम यादव एक वार शिकोहाबाद से विधायक दो बार सिरसागंज से विधायक पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष रहे पत्नी जिलापंचायत अध्यक्ष रही बेटा जिला पंचायत अध्यक्ष दिग्गज दबंग नेता की छवि है हरिओम यादव की सैफई परिवार से हरिओम यादव की इसलिए बढ़ गईं दूरियां, सपा सरकार में ही पिता- पुत्र पर दर्ज हुआ मुकदमा, फिर गए जेल

शिकोहाबाद के भाण्डरी गांव में हुए दो पक्षों के बीच झगड़े में विधायक और उनके पुत्र के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा, प्रो रामगोपाल यादव पर जेल भिजवाने का लगाया था आरोप।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद माने जाने वाले हरिओम यादव साइकिल की सवारी छोड़ कमल के फूल के साथ हो गए हैं। समाजवादी पार्टी से उनकी दूरियां यूं ही कम नहीं हुई हैं। अपनी ही सरकार में विधायक और उनके पुत्र के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। बीजेपी सरकार बनते ही पिता पुत्र को जेल भेज दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम के लिए विधायक ने प्रोफेसर रामगोपाल यादव पर आरोप लगाया था।

हरिओम यादव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

समाजवादी पार्टी से तीन बार विधायक चुने गए शिकोहाबाद निवासी हरिओम यादव (घोसी) समाज के नेता हैं। फिरोजाबाद जिले में वह यादव समाज में मजबूत पकड़ रखते हैं। यही कारण रहा कि क्षेत्र की जनता में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही थी। वर्ष 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव चुनाव लड़ने आए जिसमें सभी समाजवादियों ने एकजुटता दिखाते हुए उन्हें चुनाव जिताने का काम किया था।

जानकार बताते हैं कि यादव समाज दो वर्गों में बंटा हुआ है जिसमें एक घोसी तो दूसरा कमरिया है। हरिओम यादव (घोसी) समाज से हैं तो वही सैफई परिवार (कमरिया) हैं।इसका जिक्र कई बार हरिओम यादव अपनी सभाओं में कर चुके हैं। हरिओम यादव और उनके बेटे विजय प्रताप पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ उनकी ही सरकार में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होने के पीछे विधायक ने प्रोफेसर रामगोपाल यादव का हाथ बताया था।

इतना ही नहीं वर्ष 2017 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनके बेटे विजय प्रताप को जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाने का आरोप भी प्रोफेसर रामगोपाल यादव पर उन्होंने लगाया था। उसके कुछ समय बाद ही विधायक और उनके पुत्र को पुलिस ने जेल भेज दिया था।

उस दौरान भी उन्होंने प्रोफेसर रामगोपाल यादव को उन्हें जेल भिजवाने का दोषी बताया था। कुछ समय पूर्व रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव ने भरे मंच से संतोष यादव को सिरसागंज विधानसभा से सपा का प्रत्याशी घोषित करने की बात कही थी। बताया जाता है कि संतोष यादव भी (कमरिया) है। बेटे के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव और उन्हें जेल भेजने के मामले के बाद हरिओम यादव कि सैफई परिवार से दूरियां बढ़ती चली गई।

इसी बीच सपा से अलग हुए शिवपाल यादव का साथ उन्होंने पकड़ा और प्रसपा को मजबूत करने का काम किया। विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव ने सपा से गठबंधन कर लिया और हरिओम यादव अकेले खड़े रह गए ऐसे में उन्होंने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता हग्रहण कर ली। माना जा रहा है कि सिरसागंज विधानसभा से वह भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।

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