Holi 2022 Mathura Braj Widows : ब्रज की विधवा महिलाएं बना रही हैं फूलों से प्राकृतिक गुलाल, दुनिया भर में है डिमांड

Holi 2022 Mathura Braj Widows मथुरा में भगवान बांके बिहारी को चढ़ाए गए फूलों से चैतन्य विहार के महिला आश्रय सदन की महिलाएं प्राकृतिक गुलाल बना रही हैं। इस प्राकृतिक गुलाल की डिमांड दुनियाभर में है।

Written By :  Nitin Gautam
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-03-01 16:05 GMT

मथुरा में फूलों से प्राकृतिक गुलाल बनाती महिलाएं (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Holi 2022 Mathura Braj Widows: जिनके अपनों ने की जिंदगी बदरंग अब वही निराश्रित व विधवा माताएं दूसरों की जिंदगी में भर रही खुशियों के रंग। वृंदावन के आश्रय सदन में रहने वाली विधवा माताएं भगवान बांके बिहारी के श्री चरणों में अर्पण किए गए फूलों से गुलाल तैयार कर रही हैं। ब्रज गंधा प्रसार समिति प्रोजेक्ट के तहत गुलाल बनाया जा रहा है।

जिन माताओं की जिंदगी को कभी उनके अपनो ने ही बदरंग कर दिया था वह माताएं अब दूसरों की जिंदगी में रंग भरने का कार्य कर रही हैं। वृंदावन के चैतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदन में दर्जनों विधवा माताएं ठाकुर जी के चरणों में अर्पण किए गए प्राकृतिक फूलों से गुलाल बनाने का कार्य कर रही हैं। ठाकुरजी के चरणों में अर्पित किए गए फूलों से बना हो तो लोगों की आस्था इन रंग या गुलाल में और भी प्रगाढ़ हो जाती है।

60 महिलाएं बनाती हैं फूलों से गुलाल

आश्रय सदन की करीब 60 विधवा माताएं फूलों से गुलाल बनाने में जुटी हुई हैं। भगवान बांके बिहारी मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से गुलाल बनाया जाता है। गुलाब गेंदा के साथ-साथ चमेली और मोगरा के फूलसे गुलाब बनता है। विधवा माताएं सभी फूलों को अलग अलग करती हैं और इन्हें सूखाती हैं उसके बाद मशीन के जरिए पाऊडर तैयार किया जाता है। 3 दिन की प्रक्रिया के बाद गुलाल तैयार होकर पैकेजिंग के लिए जाता है। आश्रय सदन से ही ब्रज रंग नाम से ग़ुलाल की बिक्री होती है।

दुनिया भर में है प्राकृतिक गुलाल की डिमांड

गौरतलब है कि फूलों से गुलाल बनाने वाली विधवा माताओं को सरकार की ओर से पेंशन दिया जाता है। साथ ही चैतन्य विहार के महिला आश्रय सदन की इन माताओं को गुलाल और अगरबत्ती बनाने के बदले में सरकार की ओर से इन्हें उनका मेहनताना भी दिया जाता है। चैतन्य विहार में बनने वाली इन बुला लो की मांग बहुत ज्यादा है। दुनिया भर में गुलाल के डिमांड का सबसे बड़ा कारण है कि पूरी तरह से उपयोग में सुरक्षित होता है। 4 से 5 साल पुराने फूलों से बनाया गया यह प्राकृतिक गुलाल भक्त ठाकुर जी के चरणों में अर्पित करते हैं।

Tags:    

Similar News