दुल्हनों ने विदाई से पहले डाला वोट, मताधिकार को समझा अपना अधिकार

मनीषा के इस फैसले से जहां उसके घर वाले बहुत खुश हैं तो वहीं उसकी सहेलियां भी उसके इस फैसले को प्रेरणादायी बता रही हैं। इस संबंध में मनीषा कश्यप का कहना है कि 'मेरे घर में मतदान करने को जागरूक करने चुनाव कार्यालय के अधिकारी आए थे। उनकी बातें सुनकर मैंने फैसला लिया कि मुझे वोट करना है। घर वालों के आगे ये बात रखी कि मैं वोट डालना चाहती हूं फिर विदाई होगी। पहले तो घर वाले तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में उन्हें बहुत मनाया गया और वो मान गए। उसके बाद ससुराल वालों को समझाना पड़ा लेकिन मेरे होने वाले पति का इसमें बहुत सहयोग मिला।

Update: 2017-02-19 05:35 GMT

 

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिला। लखनऊ के इंदिरानगर इलाके में रहने वाले और आवास विकास में ड्राइवर जगदीश चंद्र की बेटी की शादी 18 फरवरी को थी। बारात गुजरात से आई थी। रविवार (19 फरवरी) को उसकी विदाई होनी थी। लेकिन मतदान करने पर अड़ी मनीषा ने अपने मताधिकार को समझते हुए विदाई का कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया।

मनीषा कश्यप में मतदान करने को लेकर ललक दिखी। उसने अपने अधिकार को समझकर हिम्मत दिखाई। समाज में आज भी बहुत कम ही लड़कियों में ऐसी हिम्मत देखने को मिलती हैं।

वहीं दूसरी तरफ बाराबंकी में नई नवेली दुल्हन मीनाक्षी ने शादी के जोड़े में वोट डाला। बाबुल के घर से विदा होने के बाद सीधे मतदान केंद्र पहुंची।

मतदान केंद्र के बाहर बरातियों को रुकवा कर अपना फर्ज निभाया।

क्या कहा मनीषा ने?

मनीषा के इस फैसले से जहां उसके घर वाले बहुत खुश हैं तो वहीं उसकी सहेलियां भी उसके इस फैसले को प्रेरणादायी बता रही हैं। मनीषा ने बताया कि वोट के लिए जागरूक करने निर्वाचन आयोग के कर्मचारी उनके घर आए थे। उनकी बातें सुनकर उसने यह फैसला लिया कि अब वो मतदान के बाद ही ससुराल के लिए विदा होगी।

पति से मिला सहयोग

मतदान करने की बात मनीषा ने घर वालों के आगे रखी। पहले तो घर वाले नहीं माने लेकिन बाद में बहुत मनाने के बाद राजी हुए। फिर ससुराल वाले भी मान गए। इसमें मेरे पति का बहुत सहयोग मिला।

पिता ने क्या कहा?

पिता जगदीश चंद्र ने कहा, 'मेरी बेटी ने बहुत बड़ा फैसला लिया है, जो सराहनीय है। पहले हमें ठीक नहीं लगा लेकिन बाद में जब उसने हमें समझाया। फिर हमने भी उसके ससुराल वालों को समझाया। दामाद ने भी बहुत सहायता की।'

मां को हुआ गर्व

मनीषा की मां राजदेवी कश्यप ने कहा कि 'मैंने अपनी बेटी से कहा कि वोट जरूरी है कि शादी और विदाई। उसका कहना था कि मेरे लिए वोट डालना ज्यादा जरूरी है। बाद में ससुराल वालों को भी समझाया। फिर मनाने पर वो माने और कहा कि लड़की को वोट डालने दीजिए। मुझे मेरी लड़की पर गर्व है कि उसने यह फैसला लिया।'

मनीषा की सहेली का क्या कहना है?

मनीषा की सहेली पल्लवी पांडेय ने कहा, 'मुझे बहुत अच्छा लगा कि मेरी सहेली ने ऐसा फैसला लिया। उसने अपना हक समझा। सभी लड़कियों को ऐसा फैसला लेना चाहिए। अगर मेरा ऐसा मौका होता तो मैं भी यहीं करती।'

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