यूपी में होगा 6 तरह की वायरस का शोध, जिम्स में बनेगा BSL-3 का हाईटेक लैब

इंफ्लुएंजा और इबोला के साथ कोविड-19 समेत 6 तरह के वायरस पर शोध के लिए जिम्स में बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) लैब बनेगी।

Update: 2020-08-02 15:17 GMT

नोएडा: इंफ्लुएंजा और इबोला के साथ कोविड-19 समेत 6 तरह के वायरस पर शोध के लिए जिम्स में बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) लैब बनेगी। इसके लिए शासन से हरी झंडी मिल चुकी है और चार करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं। कोविड-19 वायरस ने बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित किया। इस वायरस के बारे में देश और दुनिया के वैज्ञानिक भी नहीं जानते थे।

ये भी पढ़ें: 8 अगस्त से लागू होगा ये नया नियम, 72 घंटे पहले देनी होगी इस बात की जानकारी

वायरस की जांच और शोध पर कार्य करना शुरू

देश और प्रदेश की सरकारों ने तेजी से इस वायरस की जांच और शोध पर कार्य करना शुरू कर दिया है। ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी वायरस से मानव जाति की सुरक्षा की जा सके। इसी क्रम में जिम्स में भी बीएसएल-3 लैब बनाने का फैसला लिया गया है। लैब में वायरस की जांच, शिक्षण, और संक्रमण का समाधान आदि निकालने पर शोध किया जाएगा।

जिम्स में बनेगा बीएसएल थ्री का हाईटेक लैब

जिम्स के निदेशक बिग्रेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च, काउंसिल ऑफ साइंटफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मानक पूरे करने पर लैब को स्तर प्रदान किया जाता है। इनमें जैव सुरक्षा स्तर-एक में केवल शिक्षण के लिए लैब बनाई जाती है।

ये भी पढ़ें: ब्राह्मण परिवार संग बर्बरता: पीड़ितों से मिले प्रभारी मंत्री बोले- होगी सख्त कार्रवाई

दूसरे स्तर पर मध्यम दर्जे के उपकरण और वायरस की जांच, क्लीनिकल रिसर्च और शिक्षण कार्य होता है। वहीं, तीसरे स्तर पर वायरस की जांच, शिक्षण और उसका समाधान निकालना समेत उच्च कोटि के शोध होते हैं। इस लैब में वायरस की जांच के लिए उच्च सुरक्षा का वातावरण होना चाहिए। वहीं, वैज्ञानिकों को उच्च सुरक्षा पोशाक पहनकर ही जांच करनी होती है।

रिपोर्ट: दीपांकर जैन

ये भी पढ़ें: ब्राह्मण परिवार संग बर्बरता: पीड़ितों से मिले प्रभारी मंत्री बोले- होगी सख्त कार्रवाई

Tags:    

Similar News