निकाय चुनाव दूसरा चरणः बीजेपी-बीएसपी के लिए मेयर की ये सीटें हैं खास, जानिए क्या है समीकरण और कौन मार सकता है बाजी

UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव के पिछले नतीजे को देखें तो बीजेपी और बीएसपी की साख सबसे ज्यादा दांव पर लगी है। 2017 में मेरठ और अलीगढ़ सीट पर बसपा का मेयर जीता था। वहीं अयोध्या और बरेली में बीजेपी का मेयर बना था, लेकिन जीत का अंतर बड़ा नहीं था पर गाजियाबाद और कानपुर में भाजपा की प्रचंड जीत हुई थी।

Update:2023-05-11 00:19 IST
UP Nikay Chunav 2023

Nagar Nikay Chunav 2023: नगर निकाय का दूसरा चरण बसपा और बीजेपी के लिए काफी अहम है। यहां दोनों की साख दांव पर है। निकाय चुनाव के पिछले नतीजे को देखें तो बीजेपी और बीएसपी की साख सबसे ज्यादा दांव पर लगी है। 2017 में मेरठ और अलीगढ़ सीट पर बसपा का मेयर जीता था। वहीं अयोध्या और बरेली में बीजेपी का मेयर बना था, लेकिन जीत का अंतर बड़ा नहीं था पर गाजियाबाद और कानपुर में भाजपा की प्रचंड जीत हुई थी। इस बार शाहजहांपुर की जनता पहली बार अपना मेयर चुनेगी। यहां पहली बार मेयर का चुनाव हो रहा है। इससे पहले तक शाहजहांपुर नगर पालिका हुआ करती थी। दूसरे चरण के चुनाव में जहां सपा और कांग्रेस के लिए कुछ खोने के लिए नहीं है तो वहीं बीजेपी और बीएसपी के लिए अपनी जीती हुई सीटों को बचाए रखने की चुनौती है।

अयोध्या में किस पर होगी राम की कृपा?

वैसे तो सभी पार्टियों के लिए सभी सीटें खास है लेकिन अयोध्या की सीटे बीजेपी के लिए काफी अहम है। बीजेपी ने अयोध्या नगर निगम की मेयर सीट पर अपने मौजूदा महापौर ऋषिकेश उपाध्याय की जगह पर गिरीशपति त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं सपा से आशीष पांडेय, बसपा से रामूर्ति यादव, कांग्रेस से प्रमिला राजपूत मैदान में हंै। अयोध्या सीट बीजेपी के लिए काफी अहम मानी जा रही है, लेकिन सपा ने जिस तरह से ब्राह्मण और बसपा ने यादव कार्ड खेला है। उसके चलते यहां मुकाबला काफी रोचक हो गया है। ऐसे में देखना यह होगा कि राम की नगरी में राम का आशीर्वाद किसे मिलता है?

कानपुर में ब्राह्मण उम्मीदवार में घमासान-

कानपुर नगर निगम की मेयर सीट पर बीजेपी ने अपनी मौजूदा मेयर प्रमिला पांडेय पर फिर से दांव लगा रखा है तो सपा ने वंदना बाजपेयी, कांग्रेस से आशनी अवस्थी और बसपा ने अर्चना निषाद को मैदान में उतारा है। इस तरह से बसपा को छोड़कर तीनों पार्टियों ने ब्राह्मण कार्ड चला है। सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी की पत्नी वंदना बाजपेयी को उम्मीदवार बना कर सपा ने जहां मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है तो वहीं बीजेपी सांसद सत्यदेव पचैरी की बेटी नीतू सिंह को टिकट नहीं मिलने से कानपुर में बीजेपी के लिए अपनी सीट को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

बीजेपी की बरेली में राह होगी आसान-

बरेली नगर निगम सीट बीजेपी के लिए आसान मानी जा रही है। बीजेपी ने यहां अपने मौजूदा मेयर उमेश गौतम को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं सपा ने आखिरी समय में संजीव सक्सेना की जगह निर्दलीय आईएस तोमर पर दांव लगा दिया है, लेकिन वहीं बसपा ने युसुफ खां पर दांव लगाकर सपा के समाने मुश्किलें खड़ी कर दी है। बरेली में मुस्लिम वोटों में बिखराव हुआ तो बीजेपी की राह आसान हो सकती है, क्योंकि मौलाना तौकीर रजा भी सपा के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाए हुए हैं।

मेरठ में कौन किसका बिगाड़ेगा खेल-

मेरठ नगर निगम की मेयर सीट पर बसपा का मेयर है। यहां बसपा के सामने अपनी जीत को बरकरार रखने की चुनौती है। मेयर सीट पर बीजेपी से पूर्व महापौर हरिकांत अहलूवालिया, सपा से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान, बसपा से हशमत मलिक और कांग्रेस से नसीम कुरैशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी ने जहां पंजाबी तो सपा ने गुर्जर और बसपा-कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट को मैदान में उतारा है। ऐसे में देखना है कि कौन किसका खेल बनाता है और किसका चुनावी खेल बिगाड़ता है?

अलीगढ़ में मुस्लिम वोटों में होगा बिखराव-

अलीगढ़ मेयर सीट पर बीजेपी से प्रशांत सिंघल, बसपा से सलमान शाहिद, सपा के जमीर उल्लाह खां और कांग्रेस से सीपी गौतम मैदान में हैं। 2017 में बसपा के मोहम्मद फुरकान ने यहां जीत दर्ज की थी। इस बार सपा और बसपा ने जिस तरह से मुस्लिम प्रत्याशी पर भरोसा जताया है, उसके चलते मुस्लिम वोटों में बंटवारा तय माना जा रहा है तो मुस्लिम वोटों के बिखराव पर ही यहां बीजेपी के जीत की उम्मीद टिकी हुई है और अगर एकजुट होकर वोट करता है तो फिर बीजेपी के लिए मुश्किल होगी।

क्या गाजियाबाद में फिर से खिलेगा कमल-

गाजियाबाद नगर निगम की मेयर सीट पर बीजेपी से सुनीता दयाल मैदान में है, जिनके खिलाफ सपा से सिकंदर यादव की पत्नी पूनम यादव, बसपा से निसारा खान और कांग्रेस से पुष्पा रावत चुनावी ताल ठोक रही है. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और बसपा के बीच माना जा रहा है. सपा ने आखिरी वक्त में प्रत्याशी के बदलने का खामियाजा उसे उठाना पड़ सकता है.

यहां किसका होगा पहला मेयर-

शाहजहांपुर नगर निगम में पहली बार महापौर पद के लिए चुनाव हो रहा है। बीजेपी ने नामांकन के अंतिम दिन से एक दिन पहले सपा की महापौर प्रत्याशी अर्चना वर्मा को पार्टी में शामिल कर बीजेपी का मेयर पद का उम्मीदवार बनाकर बड़ा सियासी दांव चला। ऐसे में सपा ने माला राठौर, बसपा ने शगुफ्ता अंजुम और कांग्रेस ने निकहत इकबाल पर अपना दांव लगाया है। नगर पालिका की सीट के रहते हुए शाहजहांपुर में सपा का दो दशक से कब्जा रहा है, लेकिन इस बार सपा के अपने वर्चस्व को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

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