BSP Meeting: मायावती के निशाने पर NDA और INDIA दोनों, बोलीं – बीएसपी के विरूद्ध हो रही राजनीतिक साजिश

BSP Meeting: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएसपी के विरूद्ध फेक न्यूज का प्रचार और प्रसार कर राजनीतिक साजिश की जा रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से इससे सचेत रहने की अपील की है।

Update:2023-10-01 15:15 IST

मायावती (आशुतोष त्रिपाठी)

BSP Meeting: लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बसपा पदाधिकारियों के साथ एकबार फिर बड़ी बैठक की। प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में बीएसपी सुप्रीमो के निशाने पर देश के दोनों प्रमुख गठबंधन रहे। मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी इंडिया से समान दूरी रखने की बात कही। उन्होंने अपने लोगों को यह समझाने की कोशिश कि अलग ही चुनाव लड़ने में बसपा का फायदा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएसपी के विरूद्ध फेक न्यूज का प्रचार और प्रसार कर राजनीतिक साजिश की जा रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से इससे सचेत रहने की अपील की है। दरअसल, मायावती इससे पहले की बैठकों में भी साफ कर चुकी हैं कि उनका भविष्य में भी चुनाव से पहले एनडीए या इंडिया अलायंस के साथ जाने का कोई इरादा नहीं है। वे इन दोनों प्रमुख गठबंधनों पर समान रूप से हमलावर रही हैं। पिछले दिनों इंडिया बनाम भारत के बहस को लेकर भी उन्होंने दोनों खेमों को आड़े हाथों लिया था।

संगठन को कसने की कवायद

2012 में यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से बसपा कभी उबर नहीं पाई। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रखने वाली बीएसपी का जनाधार लगातार खिसक रहा है। कभी प्रधानमंत्री के दावेदार के रूप में देखी जाने वाली पूर्व सीएम मायावती की हैसियत राष्ट्रीय राजनीति में काफी कमजोर हो चुकी है। यूपी में उनका काफी वोट बीजेपी या सपा के पाले में जा चुका है। आगामी लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए करो या मरो वाली स्थिति है। ऐसे में बीएसपी सुप्रीमो पिछले कुछ महीनों से लगातार संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही हैं।


इन बैठकों में वे प्रदेश में पार्टी द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की गहन समीक्षा करती हैं और खराब प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करती हैं। रविवार को आयोजित बैठक में भी मायावती ने संगठन की समीक्षा से लेकर संगठन के विस्तार, बूथों का गठन और साथ ही कैडर कैंप की तैयारियों पर चर्चा की। बीएसपी चीफ ने अपने पदाधिकारियों को दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज से आने वाले युवाओं को खासतौर पर पार्टी से जोड़ने का टास्क सौंपा है। समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले का जबाव देने के लिए बीएसपी ने दलित-मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग का गठजोड़ बनाने का निर्णय लिया है। आगामी लोकसभा चुनाव में इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।


विधानसभा चुनाव अकेले लड़ रही बीएसपी

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में बहुजन समाज पार्टी अकेले विधानसभा चुनाव लड़ रही है। दक्षिणी राज्य तेलंगाना को छोड़ दें तो बाकी के तीनों राज्यों में पार्टी के विधायक हैं। हालांकि, 2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीएसपी के दो उम्मीदवार जीतकर जरूर विधायक बने थे लेकिन बाद में वे सत्तारूढ़ बीआरएस में शामिल हो गए । मायावती ने इन चारों चुनावी राज्यों की कमान अपने भतीजे और उनके सियासी उत्तराधिकारी माने जाने वाले नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को सौंप रखी है। 

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