17 जातियों को SC में शामिल करने पर बोलीं मायावती, धोखा दे रही योगी सरकार

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा है। सोमवार को मायावती ने कहा कि योगी सरकार का यह आदेश पूरी तरह से गैर-कानूनी और असंवैधानिक है।

Update: 2019-07-01 11:13 GMT

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। साथ ही धोखा देने का आरोप भी लगाया है। सोमवार को बसपा प्रमुख ने कहा कि योगी सरकार का यह आदेश पूरी तरह से गैर-कानूनी और असंवैधानिक है।

मायावती ने कहा कि सरकार को पता है कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिल सकता है तो सरकार ने ऐसा फैसला क्यों किया? इससे साफ है कि योगी सरकार ने सपा सरकार की तरह इन 17 जातियों को धोखा देने के लिए ये आदेश जारी किया है।

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मायावती ने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाकर अनुसूचित जातियों को धोखा दिया है, क्योंकि इस फैसले से वे किसी भी श्रेणी का लाभ प्राप्त नहीं करेंगे। यूपी सरकार उन्हें ओबीसी भी नहीं मानेंगी। मायावती ने आगे कहा कि इस फैसले से इन 17 जातियों को एससी से संबंधित लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि कोई भी राज्य सरकार इन लोगों को अपने आदेश के जरिए किसी भी श्रेणी में डाल नहीं सकती है और न ही उन्हें हटा सकती है।

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''2007 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लिखा था पत्र''

मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने 2007 में केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लिखकर कहा था कि इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में जोड़ा जाए और अनुसूचित जाति श्रेणी का आरक्षण कोटा बढ़ाया जाए। इससे अनुसूचित जाति वर्ग में जातियों को मिलने वाले लाभ कम नहीं होता और जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति श्रेणी में जोड़ा जाता, उन्हें भी लाभ मिलता रहता। पहले भी इस तरह की मांग की जाती रही है, लेकिन केंद्र में न तो वर्तमान सरकार और न ही पहले की सरकारों ने इस बारे में कुछ किया।

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बता दें कि योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का बड़ा फैसला किया है। हालाकि, हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की वजह से इन 17 जातियों को जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्र हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होंगे। फैसले से सूबे की सियासत में हलचल मच गई है।

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