India Vs Bharat Row: इंडिया बनाम भारत विवाद में कूदीं मायावती, संविधान से छेड़छाड़ करने का लगाया आरोप, विपक्ष को भी घेरा
Mayawati on India Vs Bharat Row: इंडिया बनाम भारत की इस जंग में बसपा सुप्रीम मायावती भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से की जा रही इस कवायद का पुरजोर विरोध किया है।
India Vs Bharat Row: देश की राजनीति में इन दिनों इंडिया बनाम भारत का मुद्दा गरमाया हुआ है। देश का आधिकारिक नाम भारत करने को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। माना जा रहा है कि इस माह बुलाए गए संसद सत्र में इस बाबत कोई बिल सरकार पेश कर सकती है। इंडिया बनाम भारत की इस जंग में बसपा सुप्रीम मायावती भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से की जा रही इस कवायद का पुरजोर विरोध किया है।
मायावती ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉफ्रेंस कर अपनी अपनी पार्टी के आधिकारिक रूख को स्पष्ट करते हुए देश का आधिकारिक नाम भारत किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि देश के नाम को लेकर संविधान से छेड़छाड़ करने की कोशिश गलत है। भारत नाम का संविधान बहुत सम्मान है। उन्होंने इस पर हो रही राजनीति की आलोचना की। पूर्व सीएम ने विपक्ष पर भी हमला बोला है।
विपक्ष ने बीजेपी को ऐसी राजनीति का दिया मौका
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश के नाम को लेकर चल रहे विवाद के पीछे विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखकर बीजेपी को एक बड़ा मौका दे दिया है। बसपा मुखिया ने कहा कि ऐसी चर्चा है कि इस विवाद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में मिले हुए हैं। दोनों के बीच अंदरूनी मिलीभगत की आशंका है।
देश के लोग इस घिनौने खेल को समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जानबूझकर महंगाई, बेरोजगारी, विकास और गरीबी जैसे अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के विवाद को खड़ा किया गया है। इसलिए उनकी पार्टी का इन दोनों जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक गठबंधनों से दूरी बनाए रखने का निर्णय़ जनहितैषी है।
सुप्रीम कोर्ट मामले का संज्ञान लें
मायावती ने आगे कहा कि बीजेपी नीत एनडीए को शुरू में ही जब विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया था, तब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख करना चाहिए या फिर इस मामले में कानून बनाकर ऐसे नाम रखे जाने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग करते हुए कहा कि देश के नाम पर बने संगठनों और गठबंधनों पर रोक लगाया जाना चाहिए।
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती पहल भी एनडीए और इंडिया अलांयस का विरोध कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि इन दोनों गठबंधनों में अधिकांश गरीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक और पूंजीवादी समर्थक पार्टियां शामिल हैं। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता है। पूर्व मुख्यमंत्री अगले आम चुनाव और आसन्न विधानसभा चुनावों में अकेले लड़ने को लेकर अपनी स्थिति कई बार स्पष्ट कर चुकी हैं।