BSP के पूर्व मंत्री राकेशधर के आय से अधिक संपत्ति मामले में बहस पूरी, फैसला 23 को

याची राकेशधर त्रिपाठी की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद याची को नोटिस नहीं दी गई। जबकि अपर महाधिवक्ता का कहना था कि जांच पूरी होने के बाद याची को नोटिस दी गई। याची ने कहा कि चार्जशीट दाखिल करने की राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली गई।

Update: 2016-09-20 15:10 GMT

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दाखिल चार्जशीट के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। फैसला 23 सितंबर को आएगा। कोर्ट ने याची के विरुद्ध वाराणसी की विशेष अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर फिलहाल अंतरिम राहत नहीं दी है।

याचिका में आरोप

-याचिका पर न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खण्डपीठ ने आदेश जारी किया।

-याची राकेशधर त्रिपाठी की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद याची को नोटिस नहीं दी गई।

-जबकि अपर महाधिवक्ता का कहना था कि जांच पूरी होने के बाद याची को नोटिस दी गई।

-याची ने यह भी कहा कि चार्जशीट दाखिल करने की राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली गई।

-बहस के दौरान यह तथ्य रखा गया कि आय से अधिक एक करोड़ 35 लाख की संपत्ति पाई गई।

-कहा गया कि संपत्ति की गणना में तकनीकी खामी हो सकती है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि अपराध नहीं हुआ।

-याची के खिलाफ विवेचना की कोर्ट से मॉनीटरिंग की जा रही है। दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों के तहत कार्यवाही की गई है।

फैसला सुरक्षित

-याची को कोर्ट में समर्पण कर आरोपों से मुक्त करने की अर्जी दाखिल करनी चाहिए।

-हाईकोर्ट में उठाये गये मुद्दे विशेष अदालत में उठाए जा सकते हैं।

-दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 23 सितम्बर को फैसला देने की तिथि तय की है।

-याचिका पर अधिवक्ता दिलीप कुमार और चंदन शर्मा ने बहस की जबकि राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता इमरानुल्लाह खां और एजीए विकास सहाय ने बहस की।

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