मायावती बोली: गबन के लिए ही जनधन खातों में गरीबों से जमा कराया पैसा

बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) सुप्रीमों मायावती ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए सवालों की झड़ी लगा दी। पीएनबी बैंक घोटाले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर उद्योगपतियों के लिए बेईमानी के दरवाजे खोलने और देश को विपक्ष मुक्त बनाने के लिए सरकारी मशीनरी (ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग) के खुलकर दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने जनधन योजना पर भी सवाल उठाया, कहा क्या अपने चहेते उद्योगपतियों को ग़बन करने के लिये ही सरकारी बैंकों में गरीबों से पैसा जमा कराया गया था?

Update:2018-02-18 17:51 IST

लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) सुप्रीमों मायावती ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए सवालों की झड़ी लगा दी। पीएनबी बैंक घोटाले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर उद्योगपतियों के लिए बेईमानी के दरवाजे खोलने और देश को विपक्ष मुक्त बनाने के लिए सरकारी मशीनरी (ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग) के खुलकर दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने जनधन योजना पर भी सवाल उठाया, कहा क्या अपने चहेते उद्योगपतियों को ग़बन करने के लिये ही सरकारी बैंकों में गरीबों से पैसा जमा कराया गया था?

अरबों का घोटाला करके धन्नासेठ भाग रहे विदेश

मायावती ने कहा कि अरबों-खरबों रूपयों का घोटाला करने वाले धन्नासेठों जैसे ललित मोदी, विजय माल्या व नीरव मोदी एण्ड कम्पनी को बड़ी आसानी से देश छोड़कर विदेश भाग जाने दिया जाता है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि क्या मोदी सरकार ऐसे जघन्य अपराधों पर भी यही जवाब देगी कि हम चुनाव जीत रहे हैं इसलिये ऐसे कामों के लिये भी जनता का समर्थन हमें प्राप्त है।

आधार का इस्तेमाल सिर्फ गरीबों को परेशान करने के लिए

मायावती ने कहा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ ग़रीबों, मज़दूरों, छोटे व्यापारियों, किसानों को परेशान करने के लिये ही किया जा रहा है जबकि उद्योगपतियों को लूटने की छूट दे दी गई है। मोदी सरकार को पीएनबी बैंक घोटाले में प्रथम दृष्टया दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।

बीजेपी से किए यह सवाल

-बैंकिग महाफ्राड के बारे में मालूम होने के बावजूद समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? क्या बीजेपी एण्ड कम्पनी अपने -पास से इस गबन व घोटाले की भरपाई करेगी?

-क्या जनधन खातों में गरीबों का पैसा उदयोगपतियों के लिए जमा कराया गया?

-मोदी के 'ना खायेंगे और ना खाने देंगे' के आश्वासन का क्या हुआ?

-क्या यह आश्वासन जनता को ठगने के लिये सिर्फ जुमलेबाजी थी?

-सरकार जनहित भुलाकर धन्नासेठों के लिये पलक-पावड़े बिछाने का काम कर रही है?

-क्या 20 हजार करोड़ के घोटाले पर जनसमर्थन का हवाला देकर बीजेपी जवाब देगी?

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