Budget 2020 आज होगा पेश: आम जनता की उम्मीदें, सीतारमण की चुनौतियां...

मोदी सरकार बजट 2020 शनिवार को 11 बजे संसद में पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) के लाल बहीखाते पर आज देश की नजर रहेगी।

Update: 2020-02-01 03:19 GMT

दिल्ली: केंद्र कि मोदी सरकार बजट 2020 (Budget 2020) शनिवार को 11 बजे संसद में पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) के लाल बहीखाते पर आज देश की नजर रहेगी। आम जनता को मोदी सरकार के बजट से बेहद उम्मीदे हैं। खराब अर्थव्यवस्था के बीच केंद्र से उम्मीद की जा रही है कि आम लोगों को टैक्स छूट का लाभ मिले वहीं कॉरपोरेट सेक्टर भी सरकार से कई तरह की उम्मीद कर रहा है।

निर्मला सीतारमण की ये हैं चुनौतियां:

भारत की डवांडोल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने कई चुनौतियां हैं।

सरकार के लिए जो सबसे बड़ी चुनौती है, वो ये कि इस बजट से आर्थिक चुनौती से निपटा जा सके।

राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) के मोर्चे पर सही संतुलन बनाया जा सके।

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सरकार के पास मौका है कि वो आम लोगों को इस बात का भी एहसास करा सके कि डूबती अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए वो लगातार प्रयास कर रही है।

वित्तमंत्री के सामने बजट में संतुलन को बनाए रखने की चुनौती भी है।

बजट से आम जनता की उम्मीदे:

निर्मला सीतारमण के इस दूसरे बजट से कॉरपोरेट से लेकर आम आदमी को कई तरह की उम्मीदें हैं।

टैक्स में कटौती की उम्मीद- टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव किए जाने की जरूरत है। अब 5-10 लाख के स्लैब पर टैक्स 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किए जाने की मांग है। 10 लाख से 20 लाख की आमदनी पर टैक्स का दायरा 30 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किए जाने की डिमांड है और 20 लाख से ज्यादा आमदनी पर 30 परसेंट टैक्स की डिमांड है।

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मध्यम वर्ग खासकर नौकरीपेशा लोगों को मंदी के साए में टैक्स कटौती की उम्मीद है। इस समय अर्थव्यवस्था में मौजूदा नरमी की बड़ी वजह डिमांड में आई कमी है।सप्लाई के मोर्चे पर किसी तरह की दिक्कत नहीं है।

मांग और खपत बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक मंदी के इस दौर में अर्थव्यवस्था में मांग और खपत बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। डिमांड बढ़ने से ही आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।इसके लिए सरकार के खर्च बढ़ाने के साथ ही आम आदमी की जेब में ज्यादा पैसा पहुंचाना भी जरूरी है।सरकार खर्च के मोर्चे पर कई इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं पर काम कर रही है।

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