राजस्व संबंधित चुनौतियों के बावजूद आयकर में अप्रत्याशित राहत, पढ़ें प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट जन-जन का बजट है। किसानों, गरीबो, मध्यम वर्ग और महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाला एक सर्वस्पर्शी व कल्याणकारी आम बजट 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी को हृदय से बधाई देता हूं।

Update:2020-02-01 19:09 IST

लखनऊ: देश में आर्थिक चुनौतियों के बावजूद आयकर में अप्रत्याशित राहत के लिए करदाताओं की ओर से वित्तमंत्री का आभार। केंद्र सरकार का यह बजट निश्चित ही करदाताओं का साथ और विश्वास हासिल करने के क़ाबिल है। मुख्य रूप से गाँवों के साथ पूरे देश के विकास की बात बजट में है। इंफ़्रास्ट्रक्चर पर अगले पाँच वर्षों में 100 करोड़ के निवेश समेत कृषि के लिए 15 लाख करोड़ के ऋण बांटने का लक्ष्य है। नल से जल के लिए 3.60 लाख करोड़ दिए गए हैं। राजस्व संबंधित चुनौतियों के बावजूद आयकर में अप्रत्याशित राहत के लिए करदाताओं ने दिया वित्तमंत्री को धन्यवाद।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं चेयरमैन, मनीष खेमका

कर हो गए हैं कम अब आराम से रहिए

सीतारमण सीतारमण सीतारमण कहिए।

सिंचाई व ग्रामीण विकास के लिए 2.83 लाख करोड़ व कृषि और संबंधित कार्यों के लिए 1.60 लाख करोड़, शिक्षा के लिए 99300 करोड़, कौशल विकास के लिए 3000 करोड व स्वास्थ्य के लिए 69000 करोड़ रूपयों का प्रावधान किया गया है। इन क़दमों से मांग बढ़ेगी और उद्योग जगत को भी लाभ होगा। राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से सरकार सिर्फ आधा प्रतिशत दूर रही है। डिवीडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स खत्म किया गया है और कोई नए कर नहीं लगाए गए हैं यह राहत की बात है। जीडीपी विकास दर का लक्ष्य 10 प्रतिशत है जो आज के हालात में मुश्किल तो लगता है लेकिन अपने कार्यों के प्रति सरकार का आत्मविश्वास भी ज़ाहिर करता है।

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खोदा पहाड़ निकली चुहिया- राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने केन्द्र सरकार के बजट को निराश करने वाला और दिशाहीन बताया। इस बजट में उ0प्र0 के लिए कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में 4 करोड़ नौकरियां आयेंगी यह उसी तरह है जैसे 2 करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा किया गया था।

उन्होंने कहा कि देष की अर्थव्यवस्था ठप है, व्यापर चैपट है, एयर इण्डिया बिक रही है और एल0आई0सी0 को बेचने का निर्णय देषवासियों के लिए एक सदमें जैसा है। एल0आई0सी0 बेचने का निर्णय करके भाजपा सरकार ने देश की जनता को यह संदेश दिया है कि वह न तो लोगों की जिंन्दगी के साथ है और न ही जिंदगी के बाद भी।

राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि सही मायने में इस बजट में न तो नौजवान के लिए कुछ है और न ही किसानों के लिए। देश में सबसे बडा मुददा बेरोजगारी है लेकिन उसके बारे में बजट में कुछ भी नहीं है। किसानों के उत्थान और आमदनी बढाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 2022 तक आमदनी को दुगुना करने का वादा तो जरूर किया गया है कि लेकिन किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया।

प्रवक्ता ने कहा कि इस बजट से लोगों को निराशा ही हाथ लगी है आमजन के लिए कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं की रसोई पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और न ही मंहगाई को नियंत्रित करने की कोई योजना बजट में है। कुल मिलाकर बजट को देखकर ऐसा लगता है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट जन-जन का बजट है। किसानों, गरीबो, मध्यम वर्ग और महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाला एक सर्वस्पर्शी व कल्याणकारी आम बजट 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी को हृदय से बधाई देता हूं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने हर वर्ग के करदाताओं को आयकर में एक बड़ी छूट देकर राहत देने का काम किया है। देश के अन्नदाता किसानों को सिंचाई और अनाज भण्डारण के लिए विशेष योजनाओं के कारण किसान की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। समाज के उपेक्षित शोषित वर्ग के विकास के लिए अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 85000 करोड़ एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 53700 करोड़ का प्रावधान करके उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति अपनी संवेदनशीलता दर्शाया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सबको घर, बिजली, शौचालय, गैस और स्वास्थ्य सुविधा जैसे अभियानों के साथ हर घर में नल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने के लिए 3.60 लाख करोड़ रूपये का आवंटन स्वागत योग्य है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू

पुराने वादे हुए दरकिनार, नये जुमलों की भरमार: अजय कुमार लल्लू

सबका साथ-सबका विकास के बजाए खास उद्यमियों का हितैषी बजटः अजय कुमार लल्लू

संसद में आज पेश किये गये आम बजट पर उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घोर निराशाजनक, किसान, युवा एवं बेरोजगार विरोधी बजट है। यह बजट रेलवे, एलआईसी, स्वास्थ्य सेवाएं आदि सार्वजनिक क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देकर चुनिन्दा उद्यमियों को फायदा पहुंचाने तथा उनके हाथों में सौंपने वाला है।

उन्होने कहा कि देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला सुरक्षा, युवाओं के रोजगार सृजन के नाम पर यह बजट मौन है। शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन एवं सुरक्षा देना लोकतांत्रिक सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी और जनता का बुनियादी अधिकार है इसे उद्योगपतियों को सौंपना जनता के साथ विश्वासघात है। यह बजट पूरी तरह खोखला एवं विकासविरोधी है।

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किसानों को लेकर खाका प्रस्तुत करने में मोदी सरकार असफल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हमारा प्रदेश, कृषि प्रधान प्रदेश है। 60 प्रतिशत से अधिक लोगों की जीविका कृषि पर निर्भर है। इसके बावजूद लगातार किसानों की आय दुगुनी करने की घोषणा करने के बाद भी इस बजट में कोई खाका प्रस्तुत करने में मोदी सरकार असफल साबित हुई है।

सरकार बजट में किसानों की लागत कम करने और उचित मूल्य दिलाने की कोई योजना प्रस्तुत नहीं कर पायी अपितु 16 सूत्रीय जुमलों वाला फार्मूला लेकर आयी है जो केवल चुनावी जुमला है। उ0प्र0 के मुख्यमंत्री ने इस बजट को कृषि को बढ़ावा देने वाला बजट बताकर किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। कृषि प्रधान प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते बजट भाषण सुनना चाहिए था और तथ्यात्मक आलोचना या प्रसंशा करनी चाहिए थी।

यूपीए सरकार में औसत 3.7 प्रतिशत की दर से विकास करने वाला कृषि क्षेत्र मौजूदा सरकार के 6 वर्ष के कार्यकाल में 1.5 प्रतिशत के नीचे विकास दर पर है जो कृषि क्षेत्र को बर्बादी की तरफ ले जाने वाला है ऐसे में किसानों की आय दुगुनी करने का जुमला मौजूदा विकास दर में 52 वर्षों में पूरा हो सकता है। उन्होने कहा कि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कृषि बीमा क्षेत्र में किसानों की भागीदारी बढ़ने की बात कही लेकिन नष्ट हुए फसलों के मुकाबले कितना गुना नष्ट फसलों का मुआवजा किसानों को मिला इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं बता सकीं। इससे केवल बीमा कम्पनियों का फायदा प्रदर्शित होता है।

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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि देश बेरोजगारी की सबसे भयावह स्थिति में है। पिछले 48 साल में सबसे निचले स्तर पर बेरोजगारी दर और 65 प्रतिशत की ऊपर की आबादी 35 वर्ष के असीम ऊर्जा से ओतप्रोत बहुमुखी प्रतिभा के युवाओं की है इसके बावजूद भी मौजूदा सरकार अपने कार्यकाल में युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है।

मौजूदा बजट में नए रोजगार सृजन की कोई संभावनाएं दृष्टिगत नहीं हो रही हैं। इसलिए यह बजट युवा और बेरोजगार विरेाधी बजट है। यह हास्यास्पद ही है कि देश का युवा बेरोजगारी की कठिनतम दौर की पीड़ा झेल रहा है और वित्त मंत्री जी कोई समाधान देने के बजाए सबसे लम्बे बजट भाषण का रिकार्ड बना रही हैं।

बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती

केन्द्र सरकार द्वारा आज संसद में पेश बजट को केवल कुछ मुट्ठीभर पूंजीपतियों व धन्नासेठों को छोड़कर देश की समस्त 130 करोड़ जनता के लिए मायूस करने व उनका आटा गीला करने वाला बताते हुए कहा कि इससे गरीब, ईमानदार व मेहनतकश भारतीय जनता की दिन-प्रतिदिन की लगातार बढ़ती हुई समस्या का समाधान संभव नहीं लगता है।

चालू दशक में केन्द्र के पहले बजट पर अपनी प्रारम्भिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि महंगाई गरीबी व बेरोजगारी आदि देश की सबसे बड़ी समस्यायें हैं और इससे परेशान देश की 130 करोड़ जनता हर दिन खाने के लिए हलवा नहीं बल्कि रोटी-दाल रही है। लेकिन सरकार उसकी भी सही से व्यवस्था नहीं कर पा रही है। लोगों के पास न तो काम है और न ही किसान व मजदूर जैसे मेहनतकश लोगों को उनकी मेहनत का सही मेहनताना ही मिल पा रहा है।

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जानिए प्रसपा के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता डा सीपी राय ने क्या कहा

प्रसपा के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता डा सी पी राय ने आज केन्द्र सरकार के द्वारा पेश किये गये बजट को बेहद निराश करने वाला बताया है । डा. राय ने कहा है कि पिछले 20 वर्षो से भाजपा खुद आयकर बडी छूट की मांग करती रही है पर इस बार भी दिखावे के लिए कुछ छूट एक हाथ से दी गयी है तो दूसरे हाथ से छूट लेने वालो पर पाबंदी लगा दी है की वो अन्य छूट के फायदे नही लेंगे तभी नाये स्लैब का लाभ ले सकेंगे । हा बहुत छोटी आय वालो को जो ऊंट के मुह मे जीरा जैसी छूट दी है हम उसका भी विरोध के साथ स्वागत करते है । 2,30 घंटे लम्बे बजट मे पिछ्ली बार की ही तरह बहुत कुछ छुपाया गया है जो बाद मे पिछ्ली बार की ही तरह निराश करेगा ।

शिक्षा , स्वास्थ्य और मनरेगा मे कोई खास बढोतरी नही की गयी है जो रोजगार के साथ कल्याणकारी राज्य के लिए जरूरी है ,

एक तरफ पकिस्तान का हौव्वा दिखाया जाता है और फौज के आधुनिकीकरण की बात की जाती है , दूसरी तरफ रक्षा बजट मे पिछले साल के बजट मे बहुत ही चोटी बढोतरी की गयी है ।

100 लाख करोड सड़क इत्यादि पर खर्च के लिए कहा गया पर जब खजाना खाली है तो आयेगा कहा से ।

इस साल और अगले साल और ज्यादा कर्ज लिया जयेगा जिसका दबाव सरकार पर उसके बाद के सालो मे भी रहेगा और उससे विकास तथा रोजगार दोनो प्रभावित होगा ।

किसानो के लिए भी पिछ्ले 5 वर्ष की तरह घोषणा सिर्फ घोषणा साबित होगी लगातार यह साबित हो रहा है की इस सरकार के पास न कोई आर्थिक दृष्टी है और न विकास , सुरक्षा , शिक्षा ,स्वाथ्य के लिए कोई ठोस कार्यक्रम । महंगाई अभी और बढेगी और बेरोजगारी भी और उसके साथ ही अपराध तथा निराशा भी ।

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