Bulandshahr: निकाह में डीजे, डांस, आतिशबाजी पर प्रतिबंध, उलंघन पर मौलवी-काजी नहीं पढ़ेंगे निकाह
Bulandshahr News: सिकंदराबाद के उलेमाओं की मानें तो मुस्लिम समाज के निकाह के दौरान समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
Bulandshahr News: बुलन्दशहर के सिकंदराबाद के उलेमाओं और मोलवियो ने एक साथ होकर निकाह में डीजे बजाने, डांस करने और आतिशबाजी छोड़ने को लेकर निकाह न पढ़ाने का ऐलान किया है। या फिर यूं कहिए की अनाधिकृत रूप से फतवा जारी किया है। जो भी मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति निकाह से पहले या निकाह के बाद में होने वाली दावतओं में डांस करेगा डीजे बजाएगा और आतिशबाजी छोड़ेंगे तो उनके सिकंदराबाद के मौलाना और मौलवी अब निकाह नहीं पढ़ाएंगे, यह ऐलान सिकंदराबाद की जामा मस्जिद मौलाना उलेमाओं और मौलवियों की बैठक में लिया गया।
सिकंदराबाद के उलेमाओं की मानें तो मुस्लिम समाज के निकाह के दौरान समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। दरअसल, रविवार को सिकंदराबाद मैं एक युवक की बारात जा रही थी बारात में बैंड बाजा भी बजाया जा रहा था तभी वहां पहुंचे एक मौलवी ने दूल्हे के परिजनों से बातचीत कर सामाजिक कुरीति को दूर करने में सहयोग की बात कही, तो उसके बाद दूल्हे के परिजन मान गए और उन्होंने बारात में बाजा नहीं बजाया। बिना डीजे के और बिना आतिशबाजी के शादी करने पर रजामंदी जताई ,जिसके बाद सिकंदराबाद की शाही जामा मस्जिद में इमाम ईदेन मौलाना अरशद क़ासमी, क़ाज़ी ए शहर मौलाना आरिफ़ क़ासमी की मौजूदगी में शहर के मौलाना और मौलवियों की बैठक हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सिकंदराबाद में निकाह के दौरान निकाह के पूर्व या बाद में डीजे नहीं बजाया जाएगा, ना ही बैंड बाजा बजेगा और ना ही आतिशबाजी छोड़ी जाएगी। यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करेगा तो सिकंदराबाद के मौलाना मौलवी और काजी निकाह नहीं पढ़ाएंगे। जमीयत उलेमा हिंद सिकंदराबाद शाखा के बैनर तले शाही जामा मस्जिद में आयोजित उलेमा और नगर के मुस्लिम संगठनों, संस्थानों, मस्जिदों , मदरसों के ज़िम्मेदारों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।