Bulandshahr Video: बुलंदशहर में जानलेवा हो रहे बंदर, अब बने सिपाही की मौत का सबब

Bulandshahr Video: यूपी के बुलंदशहर में बंदरो का आतंक बढ़ता जा रहा है। बंदरो की घुड़की से घबराकर छत से गिरकर घायल हुए कांस्टेबल लाल सिंह की उपचार के दौरान आज मौत हो गई

Report :  Sandeep Tayal
Update:2023-01-05 20:46 IST

बदंरों का आतंक। 

Bulandshahr Video: यूपी के बुलंदशहर में बंदरो का आतंक बढ़ता जा रहा है और बंदर जानलेवा हो रहे है। बंदर बुलंदशहर पुलिस लाइन में तैनात बलिया के सिपाही को मौत का सबब बीएन गए। बंदरो की घुड़की से घबराकर छत से गिरकर घायल हुए कांस्टेबल लाल सिंह की उपचार के दौरान आज मौत हो गई, सिपाही की मौत से जहां पुलिस महकमे में शोक की लहर व्याप्त है वही मृतक के परिवार में कोहराम मचा है। मृतक सिपाही के शव को आज पुलिस लाइन में एसएसपी सहित अनेक पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

ये है मामला 

यूपी के जनपद बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के गांव गोपालपुर निवासी लाल सिंह 1992 में उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। फिलहाल लाल सिंह बुलन्दशहर पुलिस लाइन में तैनात थे। लाल सिंह के पुत्र रविंद्र ने बताया कि मंगलवार को पुलिस लाइन में स्तिथ कमरे की छत पर लाल सिंह कपड़े सुखाने गए थे। छत पर बंदरों का झुंड था। बताया जाता है कि छत पर एकत्र बंदरों ने कांस्टेबल को देख घुड़की दी, जिससे घबराए कांस्टेबल बंदरों से बचने के लिए जैसे ही भागे तो छत की मुंडेर पर अनियंत्रित होने के कारण नीचे जा गिरे जिससे उनकी टांग में फैक्चर हो गया गंभीर रूप से घायल कांस्टेबल लाल सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी आज उपचार के दौरान मौत हो गई।

बुलंदशहर में कई लोगों की मौत का सबब बन चुके हैं बंदर

गौरतलब है कि बंदरो के कारण बुलंदशहर में छत से गिरने के कारण कई लोग काल के गाल में समा चुके है। गत वर्ष बुलंदशहर सिटी के डीएम कॉलोनी रोड पर एक महिला को बंदर के हमले से बचते वक्त सड़क हादसे का शिकार होकर जान गवा बैठी थी। जबकि सिटी के ही कृष्णा नगर में भी एक शख्श की बंदर के हमले से बचने के कारण काल के गाल में समा गया था। पिछले 2 साल में गुलावठी में भी बंदर एक व्यापारी और एक महिला सहित तीन लोगों की मौत का सबब बन चुके हैं

गुलावठी में स्कूल जाते बच्चो, मंदिर जाती महिलाओ पर बंदर मारते है झपट्टा

जनपद बुलंदशहर के गुलावठी में तो बंदर सड़कों पर कब्जा करके बैठ जाते हैं और मार्ग को अवरुद्ध कर देते हैं। मॉर्निंग वॉक को जाने वाले लोगो को सड़कों पर बंदरों के झुंड देखकर वापस जाना पड़ता है। बंदर स्कूल जाने वाले बच्चों के बस्तों पर झपट्टा मार बच्चों पर हमला कर देते हैं, तो कभी मंदिर जाने वाली महिलाओं की पूजा की थाली पर भी झपट्टा मारकर हमला कर देते हैं। जनपद में आए दिन बंदरों के हमले से लोगों के घायल होने और बंदरों के काटने की खबरें आती हैं मगर प्रशासन बंदरों के आतंक को लेकर आंखें मूंदे है। यही हालात जनपद के अन्य कस्बों की भी हैं।

बी.चंद्रकला ने चलवाया था जनपद में बंदर पकड़ो अभियान

बता दे कि बुलंदशहर की जिलाधिकारी रही बी चंद्रकला की गाड़ी पर गुलावठी में जब बंदरों ने कूदकर गाड़ी का एंटीना उखाड़ दिया था तो बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए स्थानीय नगर पालिकाओं को बंदर पकड़ो अभियान चलाने के आदेश जारी किए थे और जनपद की सभी नगर पालिकाओं को 1 - 1 लाख रुपए का बजट जारी किया था। उसके बाद से जनपद में बंदर पकड़ो अभियान नहीं चला है। नगर के समाजसेवी राजनीतिक संगठनों व स्कूल जाने वाले बच्चों ने जिला प्रशासन से बंदरो के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए बंदर पकड़ो अभियान जनपद भर में चलाए जाने की गुहार लगाई है।

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