Bulandshahr News: दलित युवती के अपहरण मामले में स्पेशल कोर्ट का फैसला, आरोपियों को उम्रकैद की सजा
Bulandshahr News: एससी/एसटी स्पेशल कोर्ट के न्यायधीश ने दलित युवती का अपहरण कर गैंगरेप करने के मामले में गैर सम्प्रदाय के दरिंदे को अंतिम सांस तक जेल में कैद रखने और 55 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर की एससी/एसटी स्पेशल कोर्ट के न्यायधीश ने दलित युवती का अपहरण कर गैंगरेप करने के मामले में गैर सम्प्रदाय के दरिंदे को अंतिम सांस तक जेल में कैद रखने और 55 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है, जबकि दलित युवती के 3 नाबालिग दरिंदों को निर्भया काण्ड की तर्ज पर जुबेनाइल होने का लाभ मिल गया और किशोर सुधार गृह में 3 साल काटने के बाद रिहा कर दिया गया था।
आरोपियों ने युवती के साथ दुराचार कर दी थी हत्या
बुलंदशहर की स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक विपुल सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 में जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र निवासी दलित युवती की मां की अचानक तबीयत खराब हुई थी। बेटी अपने पिता के साथ मां को अस्पताल लेकर गई थी। जहांगीराबाद कोतवाली के साखनी निवासी गैर संप्रदाय के युवकों ने जबरन युवती का कार से अपहरण कर फरार हो गए थे। आरोपियों ने युवती के साथ दुराचार किया और उसकी हत्या कर दी वारदात के 3 दिन बाद युवती का एक खेत में शव बरामद हुआ था। मामले को लेकर मृतका के पिता ने 05.02.2014 को थाना जहांगीराबाद पर 4 आरोपियों के विरुद्ध मुअसं- 34/14 धारा- 364, 376डी, 302, 201, 404 भादवि व 3(2)5 एससी/एसटी दर्ज कराया था।
3 दरिंदों को नाबालिग होने का मिला लाभ
स्पेशल एससीएसटी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक विपुल ने बताया कि दलित युवती का अपहरण रेप और हत्या के मामले में साखनी गांव के चार युवकों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिसमें से तीन युवकों को दिल्ली के निर्भया कांड की तर्ज पर नाबालिग होने का लाभ मिला, तीन आरोपियों ने कोर्ट में खुद को नाबालिग साबित किया था, जिन का मामला जुवेनाइल कोर्ट में चला, जुवेनाइल कोर्ट में 3 साल से अधिक सजा का प्रावधान न होने के कारण आरोपियों को 3 साल बाल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था। हालांकि चौथे आरोपी भूरा ने भी खुद को नाबालिग होने का दावा किया था लेकिन भुरा बालिग साबित हुआ था।
पुलिस ने की थी सशक्त पैरवी - एसएसपी
बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि दलित युवती का अपहरण, गैंगरेप और हत्या के मामले को जनपद स्तर पर घटित जघन्य अपराधों की श्रेणी में चिन्हित करते हुए अभियोग में मॉनीटरिंग सैल बुलन्दशहर द्वारा न्यायालय में सशक्त और प्रभावी पैरवी की गई। दिनांक 17.04.2014 को पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। पुलिस और अभियोजन की सशक्त पैरवी से दरिंदे को सजा मुकर्रर हो सकी।
अंतिम सांस तक जेल में कैद रहेगा दरिंदा
बुलंदशहर की स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक विपुल ने बताया कि न्यायालय में 7 गवाह पेश किए गए दोनों पक्षों की दलीलों गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश विजय पाल सिंह ने दलित युवती के अपहरण, गैंग रेप और हत्या के मामले में अभियुक्त भूरा पुत्र सिराज निवासी ग्राम साखनी थाना जहांगीराबाद जनपद बुलन्दशहर को दोषी करार दे अंतिम सांस तक जेल में कैद रखने व 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक ने बताया न्यायाधीश ने भूरा को तिहरी सजा सुनाई है। जिसमे विशेषकर एससीएसटी एक्ट में नैसर्गिक जीवन (शेष बचे जीवन) तक के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है।