Bulandshahar News: बुलंदशहर में न्यूजट्रैक की खबर का असर, बच्चों को निर्ममता पूर्वक पीटने वाला शिक्षक निलंबित
Bulandshahar News: बुलंदशहर में न्यूजट्रैक की खबर का असर: सरकारी स्कूल में सवाल पूछने और MDM का खाना मांगने पर बच्चों को बेरहमी से पीटने वाला शिक्षक निलंबित हो गया है
Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में न्यूजट्रैक की खबर का त्वरित असर एक बार फिर उस समय हुआ जब बुलंदशहर के सरकारी स्कूल में सवाल पूछने और MDM का खाना मांगने पर बच्चों को बेरहमी से पीटने वाले शिक्षक की खबर न्यूजट्रैक ने प्रमुखता से प्रकाशित की। खबर गूगल पर ट्रेंड कर रही थी और गूगल ने बुलंदशहर की खबर को टॉप स्टोरी में स्थान दिया था, खबर प्रकाशित होने के कुछ घंटे बाद ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में बीएसएनएल खंड शिक्षा अधिकारी से स्याना से तत्काल मामले की रिपोर्ट तलब की और खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहनपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज शर्मा को दोषी मानते हुए उन्हें बुलंदशहर के बीएसए ने निलंबित कर दिया। बीएसए बीके शर्मा ने बताया कि बच्चों को पीटने का मामला गंभीर अपराध है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जांच रिपोर्ट में शिक्षक ने बच्चों को पीटने की बात भी स्वीकार की है।
पूछा सवाल, मांगा खाना तो मिले डंडे
दरअसल, बुलंदशहर जनपद के स्याना ब्लॉक (siana block) में स्तिथ संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहनपुर में गत कुछ बच्चों ने कालेज के प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज शर्मा पर सवाल पूछने और मिड डे मील का खाना मांगने पर पीटने का आरोप लगाया था और एक ग्रामीण ने बच्चों के पिटाई से शरीर पर पड़े नील के निशान और बच्चों द्वारा पिटाई से भयभीत हो स्कूल ना जाने का वीडियो बनाकर वायरल किया था जिसकी खबर को न्यूज़ ट्रैक ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया।
बच्चो की जुबानी, शिक्षक के कहर की कहानी
पीड़ित बच्चों का आरोप है कि शिक्षक से उन्हें सवाल पूछने और मिड डे मील का खाना मांगने पर कमरे में रखे प्लास्टिक के डंडे से इतना पीटा कि उनकी चमड़ी ही उधेड़ डाली, पूरे शरीर पर नील के निशान बन गए , बच्चों ने सवाल को दोबारा पूछ लिया तो मास्टर जी का बीपी हाई हो गया फिर मास्टर जी ने बच्चों को इतना पीटा कि देखा नहीं कहां लग रही है, मास्टर जी ने प्लास्टिक के डंडे से बच्चों की जांघ, हाथ, हिप्स, गर्दन पर डंडे से इतने वार किए कि बच्चों की चमड़ी उधेड़ डाली, जिससे गुस्साए परिजनों और अभिभावकों ने बच्चों को को स्कूल नहीं भेजा।