Bulandshahr News: आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल बोले- नशा मुक्ति के लिए जरूरी नहीं है शराब बंदी

Bulandshahr News: आबकारी मंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बाहर लाना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार बनाने में व्यापारियों की बड़ी भूमिका होती है और मैं प्रदेश के हर जनपद में जाकर व्यापारी सम्मेलन आयोजित कर रहा हूं।

Report :  Sandeep Tayal
Update:2023-09-16 18:46 IST

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल (Pic:Newstrack)

Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में सूबे के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बाहर लाना सरकार की जिम्मेदारी है। जरूरी नहीं है कि शराबबंदी करने से ही नशा मुक्ति हो, शराब बंदी नहीं की जा सकती क्योंकि सरकार को बड़ा राजस्व शराब बिक्री से मिलता है। उन्होंने उदाहरण पेश कर कहा कि बिहार में शराबबंदी होने के बाद कच्ची शराब पीने से मौतों का आंकड़ा बढ़ा है। बिहार नशामुक्त नहीं हो सका है। शराब बिक्री से सरकार को बड़ा राजस्व मिलता है और शराब से मिलने वाले राजस्व से प्रदेश सरकार कई योजनाएं चलाती है।

80 सीटों पर पार्टी लहराएगी झंडा - आबकारी मंत्री

बुलंदशहर में आयोजित व्यापारी सम्मेलन में प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल शिरकत करने पहुंचे, जहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी भाजपा व्यापक स्तर पर कर रही है। सरकार बनाने में व्यापारियों की बड़ी भूमिका होती है और मैं प्रदेश के हर जनपद में जाकर व्यापारी सम्मेलन आयोजित कर रहा हूं और व्यापारियों से आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर भगवा लहराने की अपील कर रहा हूं। व्यापारी सम्मेलन में व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं अनेक व्यापारियों ने राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल का भव्य स्वागत किया और उन्हें प्रतीक चिन्ह भेंट किया।

नशा मुक्ति के लिए शराब बंदी करना जरूरी नहीं  

समारोह को भाजपा के सांसद भोला सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ अंतुल तेवतिया, भाजपा के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष विकास चैहान आदि ने भी संबोधित किया। व्यापारी सम्मेलन के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए नितिन अग्रवाल ने नशा मुक्ति अभियान और शराब बंदी के सवालों को लेकर कहा कि सरकार प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए एनजीओ के माध्यम से नशा मुक्ति केंद्र चला रही है। प्रदेश में अनेक युवा नशा छोड़ चुके हैं। हालांकि नशा मुक्ति के लिए शराब बंदी करना जरूरी नहीं है। बिहार भी शराबबंदी के बावजूद नशा मुक्त नहीं हो सका है।

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