Bulandshahr: ऑपरेशन टनल फतह करने वाले रैट माइनर्स का भव्य स्वागत, योगी सरकार से की यह मांग

Bulandshahr: उत्तरकाशी के ऑपरेशन टनल को फतह करने के बाद बुलंदशहर पहुंचे रैट माइनर्स का ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत हुआ।

Report :  Sandeep Tayal
Update: 2023-11-30 09:36 GMT

बुलंदशहर पहुंचे रैट माइनर्स का भव्य स्वागत (न्यूजट्रैक)

Bulandshahr News: उत्तरकाशी के ऑपरेशन टनल को फतह करने में रेट माइंस की भूमिका अहम रही है। ऑपरेशन टनल को फतह करने के बाद बुलंदशहर पहुंचे रैट माइनर्स का ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत हुआ। ग्रामीणों ने रैट माइनर्स का माल्यार्पण कर स्वागत किया तो रैट माइनर्स ने भी तिरंगा लहराकर ऑपरेशन टनल फतह की खुशी जताई। बुलंदशहर पहुंचे रैट माइनर्स ने न्यूज ट्रैक को बताया कि अपनी जिंदगी दांव पर लगा 26 घंटे में 18 मीटर माइनिंग कर 41 जिंदगियों को बचाकर देश के लिए काम किया है। अब सरकार से रोजगार की दरकार है। रेट माइनर्स का दल आज जब बुलंदशहर पहुंचा तो ग्रामीणों ने बैंड बाजे और ढोल नगाड़ों के साथ माल्यार्पण कर स्वागत किया। बाकायदा डीजे के साथ विजय यात्रा निकाली गयी और फिर जब परिजनों से मिले तो खुशी के आंसू छलक पड़े। रैट माइनर्स ने भी विजय यात्रा के दौरान तिरंगा लहरा कर ऑपरेशन टनल फतह पर खुशी जताई।

अमेरिकी मशीन हुई फेल, रैट माइनर्स ने किया ऑपरेशन टनल फतह

जब देश में दीपावली का त्यौहार मनाया जा रहा था। तब उत्तरकाशी की अंधेरी टनल में 41 मजदूर फंस गए थे और जिंदगी के लिए जंग लड़ते लगे थे। टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमों ने अमेरिका की आगर मशीन तक मंगाकर ऑपरेशन टनल चलाया। मगर जब आगर मशीन भी फंस गई तो रेस्क्यू टीम ने अंतिम क्षण में रैट माइनर्स की टीम को बुलाकर उन्हें 41 जिंदगियों को बचाने का टास्क दिया।

बुलंदशहर के गांव अख्तियारपुर के रहने वाले रैट माइनर मोनू ने ऑपरेशन टनल फतह करने के बाद बताया कि हमें खुदाई करने वाली कंपनी ने मजदूरी पर बुलाया। जान जोखिम में डालकर 41 जिंदगियों को बचाने गए, 3 दिन अमेरिका की आगर मशीन का बर्मा काटने में लग गए। लेकिन जब रैट माइनिंग शुरू की गई तो 26 घंटे में 18 मी माइनिंग कर वहां तक जा पहुंचे, जहां 41 मजदूर फंसे थे। फंसे हुए मजदूरों ने और रैट माइनर्स ने एक दूसरे का चेहरा दिखा तो फंसे हुए मजदूरों के चेहरे खिल उठे थे। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम सहित अन्य रेस्क्यू में लगी टीमों ने एक-एक कर मजदूरों को बाहर निकाला और फिर 41 जिंदगियों को बचाया जा सका।

रैट माइनर ने सरकार से लगाई रोजगार की दरकार

बुलंदशहर के रैट माइनर मोनू ने बताया कि गांव की सड़क खराब है, सरकार से दो ही दरकार है, एक तो गांव की सड़क अच्छी बनवा दे और मैं बेरोजगार हूं मुझे नौकरी दिला दे।

मिला था 41 जिंदगियों को बचाने का टास्क

बुलंदशहर के रेट माइनर्स के साथ कासगंज का रेट माइनर नासिर भी साथ आया था नासिर ने बताया कि 41 जिंदगियों को बचाने का टास्क लिया। 32 मी. का सरिया काटा बरमा काटा और फिर पूरी ताकत से टनल में फंसे 41 मजदूरों तक पहुंचे। मजदूरों को बचाने के लिए जिंदगी दांव पर लगा दी। बार-बार अपनी जिंदगी का डर था लेकिन वही 41 जिंदगियों को बचाने का जज्बा भी था और इसी जज्बे के कारण रैट माइनिग कर टनल में फंसे मजदूर तक पहुंच सके।

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